बिलासपुर : हरलोग को अब लोग उप तहसील का दर्जा दिए जाने के लिए कड़ी मांग कर रहे हैं। आपको बताते चले कि हरलोग का इलाका जिसमें धार का क्षेत्र आता है, इसमें 11 पंचायतें है तथा 55 हजार के करीब आबादी है यह इलाका आज भी अपने पिछडेपन का रोना रो रहा है। यहां के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बिलासपुर या घुमारवीं 35-40 किलोमीटर जाना पड़ता है।
इन पंचायतों के लोगों को अपने जमीनी काम व बच्चों के प्रमाणपत्र के लिए घुमारवीं आना पड़ता है। यहां के लोगों ने इस बात को लेकर भारी रोष जताया है। एक प्रदर्शन करके अपनी मांग को डीसी राजेश्वर गोयल के माध्यम से सरकार को भेजा है। सरकार को सचेत किया कि अगर उनकी मांग को नहीं माना गया तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
वास्तव में हकीकत यह है कि यह पंचायत घुमारवीं व बिलासपुर से अलग थलग हैं। भौगोलिक व प्राकृतिक दृष्टी से आज भी पिछडेपन का दंश झेल रही है। क्षेत्र के लोग उक्त मांग को 1980 से उठाते आ रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के विधायक व अन्य नेता मात्र वोट बटोरने तक ही सीमित रहे। ग्रामीणों का कहना है कि जब भराडी जैसी 14 पंचायतों की उप तहसील 12 साल पहले मिल सकती है तो इतना पिछडे और अलग थलग इलाके को आखिर उप तहसील का दर्जा देने में क्या परेशानी है। विधान सभा क्षेत्र भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकार नड्डा का भी रहा है और वह यहां से 2 बार चुनाव जीत चुके हैं।