शिमला (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण और राजस्व विभाग के आपदा प्रबन्धन सैल द्वारा समर्थ-2015 के अन्तर्गत ‘आपदा प्रबन्धन में मीडिया की भूमिका’ पर राज्य स्तरीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए प्रधान सचिव उद्योग, श्रम एवं रोजगार, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले आर.डी. धीमान ने कहा कि यह कार्यशाला निश्चित तौर पर किसी भी प्रकार की आपदा के दौरान मीडिया की भूमिका पर संवाद, सरकार के राहत एवं बचाव कार्यों और आपदा प्रबन्धन से जुड़े विभागों तथा प्रभावित समुदायों के मध्य प्रभावी तालमेल स्थापित करने जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श करने में मददगार सिद्ध होगी। इसके अतिरिक्त, आपदा के दौरान जनजीवन और सम्पत्ति के नुकसान को कम करने के बारे में लोगों को शिक्षित करने में मीडिया के सहयोग पर भी चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य आपदा के दौरान विभिन्न हितधारकों तथा मीडिया की भूमिका से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श की शुरूआत करना है। उन्होंने कहा कि आपदा पूर्व एवं पश्चात उजागर होने वाले अनेक महत्वपूर्ण मामलों के बारे में मीडिया को सूचित करने एवं स्पष्टीकरण देने के लिए सरकारी एजेंसियों, सिविल सोसायटी तथा अन्य संगठनों की भूमिका पर भी कार्यशाला में विस्तारपूर्वक चर्चा होगी और महत्वपूर्ण विचार सामने आएंगे।
धीमान ने कहा कि भारतवर्ष का मीडिया स्वतंत्र, मजबूत और सशक्त है, जो आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में लोगों की मदद करने में अहम भूमिका अदा करता रहा है, लेकिन मीडिया को सकारात्मक भूमिका के साथ-साथ ऐसे परिस्थितियों में अपनी भूमिका व जिम्मेवारी का आत्मविशलेषण भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कभी-कभार मीडिया में घटना की संवेदनशीलता लोगों में घबराहट उत्पन्न कर सकती है, जिसके फलस्वरूप अफवाहें फैलने का डर रहता है और आपदा के दौरान बचाव कार्य प्रभावित होते हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबन्धन के विशेष सचिव देवदत्त शर्मा ने हि.प्र. राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन के बारे लोगों को जागरूक करने के लिए पहली अक्तूबर से 13 अक्तूबर, 2015 तक प्रदेश भर में विशेष कार्यक्रम एवं गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। आज आयोजित मीडिया की कार्यशाला इसी कड़ी का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान लोगों एवं मीडिया के बीच समयबद्ध तालमेल व्यक्ति विशेष एवं समुदायों द्वारा उचित कार्रवाई करने तथा जो लोगों की जान बचाने और उन्हें निकालने की रणनीति को प्रभावी तरीके से कार्यन्वित करने में सहायक सिद्ध होता है। मीडिया के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई सही तथा समयबद्ध सूचना लोगों को आपदा के दौरान एवं इसके उपरान्त किसी भी प्रकार के भय एवं खतरे से बचाने में सहायक होती है।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक डा. एम.पी. सूद ने कहा कि आपदा प्रबन्धन के लिए अपने आप को तैयार करना प्रत्येक व्यक्ति का सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी तैयारियां बड़ी आपदा के खतरों को कम कर सकती है, चाहे यह आपदायें मानव निर्मित हों अथवा प्राकृतिक। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकम्प जोन-5 में आता है और इस तरह तैयारियां करना अनिवार्य हो जाता है।
भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली के प्रो. शिवाजी सरकार ने पावर पंवाईट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से ‘जन सुरक्षा एवं आपदा प्रबन्ध में मीडिया की भूमिका जानकारी दी। उन्होंने मीडिया रिपोर्टिंग में नैतिक-परक विषयों पर ध्यान आकर्षित किया तथा इस विषय में अपनी संस्तुतियों के माध्यम से उन्होंने आपदा पूर्व एवं पश्चात सूचना के आकर्षण को बनाए रखने पर बल दिया।
भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली की प्रो. जे. जेठवानी ने आपदा से पहले, आपदा के दौरान तथा बाद में आपदा प्रबन्धकों और मीडिया कर्मियों के मध्य समन्वय स्थापित करने के संबंध में विशेषज्ञ तजवीज दी।
इस अवसर पर संवादात्मक सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें पत्रकारों ने आपदा से निपटने बारे बहुमूल्य सुझाव दिए। कार्यशाला में पत्रकारों, हि.प्र. राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।