कुल्लू : मिशन रोहतांग पर डटे बीआरओ को सोमवार देर रात कामयाबी हाथ लगी है। रोहतांग दर्रे के दोनों छोर जहां बीआरओ ने मिला लिए है, वहीं मंगलवार को दर्रे से वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में जहां कबायालियों की दिक्कतें कुछ हद तक कम होंगी, वहीं जल्द ही लाहौल में जनजीवन भी पटरी पर लौट आएगा। भारी बर्फबारी होने से जहां रोहतांग दर्रे को बहाल करना बीआरओ के लिए चुनौती बना हुआ था, वहीं सीमा सडक़ संगठन के जवानों ने कड़ी मेहनत कर रोहतांग दर्रे के दोनों छोर सोमवार को मिलाने में कामयाबी हासिल की है।
बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि मौसम अगर साफ रहा तो मंगलवार को रोहतांग दर्रे से वाहनों की आवाजाही भी शुरू करवा दी जाएगी। ऐसे में सबसे पहले रोहतांग दर्रे से जहां लाहौल में फंसी सेब की फसल को घाटी से बाहर निकाला जाएगा, वहीं रोहतांग दर्रे से लोगों को भी आर-पार करवाया जाएगा। रोहतांग दर्रे को बहाल करने को लेकर बीआरओ ने बीते शनिवार से ही दर्रे की बहाली का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया था। वहीं सीमा सडक़ संगठन ने मिशन रोहतांग को सफल बनाने के लिए अपनी तीन टीमों को दर्रे पर तैनात किया था। दर्रे की बहाली का कार्य रात में भी चलता रहा।
ऐसे में सोमवार देर रात जहां रोहतांग दर्रे के दोनों छोर बीआरओ को मिलाने में कामयाबी हासिल हुई है, वहीं सडक़ पर पड़ी बर्फ को भी हटा लिया गया है। बीआरओ के कमांडर कर्नल उमा शंकर ने कहा कि प्रयास किए जा रहे हैं कि मंगलवार को दर्रे से वाहनों की आवाजाही करवाई जा सके। उन्होंने बताया कि दर्रे पर पड़ी बर्फ को हटाना बीआरओ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। मंगलवार सुबह बीआरओ की एक विशेष टीम दर्रे का जायजा लेगी। उसके बाद यहां वाहनों की आवाजाही शुरू की जाएगी।