शिमला: हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड की कर्मचारी यूनियन ने एमडी के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर मोर्चा खोल दिया है। यूनियन ने सरकार से एमडी को तुरंत हटाने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि एमडी का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में वह किस आधार पर पद पर बने हुए हैं। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने आज यहां प्रेस वार्ता में कहा कि प्रबंध निदेशक बोर्ड का प्रबंधन करने में विफल रहे हैं।
वह बिजली बोर्ड को चलाने में बुरी तरह से विफल रहे हैं। यदि उनको पद से नहीं हटाया गया तो बिजली बोर्ड की स्थति ओर बिगड़ सकती है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन निदेशक को बिजली बोर्ड के कर्मचारियों सुरक्षा से सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि बोर्ड में भ्रष्टाचार चरम पर है। भ्रष्टाचार के आरोपों को पुख्ता सबूतों के साथ बोर्ड के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य सचिव को सौंपा गया था। लेकिन अभी तक उसपर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के प्रबंध निदेशक तो भ्रष्टाचार पर बात करना भी जरूरी नहीं समझते हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के कर्मचारी अपनी विभिन्न लंबित मामलों को लेकर आगामी 22 अक्तूबर को बोर्ड मुख्यालय कुमारहाउस में विरोध प्रदर्शन करेंगे। कहा कि यूनियन ने बोर्ड प्रबंधन व मुख्य सचिव को 15 दिन का नोटिस दिया था। लेकिन अभी तक कर्मचारियों के मसलों का समाधान नहीं हुआ है, लिहाजा बोर्ड मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि यूनियन की मुख्य मांगों में बिजली बोर्ड का निजीकरण बंद किया जाए।
पुरानी पैंशन प्रणाली को बहाल किया जाए। रिक्त पड़े पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। आऊटसोर्स पर रखे कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाई जाए। जुनियन टी-मेट, हैल्पर, आफिस एसीस्टैंट, आईटी व अकाउंट कर्मियों के लिए पदोन्नति का प्रावधान आरएण्डपी नियमों में किया जाए आदि शामिल है।कुलदीप सिंह खरबाड़ा ने कहा कि बिजली बोर्ड में करीब 7 हजार पद रिक्त हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बोर्ड प्रबंधन ने जल्द ही भर्तियां नहीं की तो यूनियन काम का बहिष्कार करेगी।