रिकांगपिओ : सोमवार को लोक सांस्कृतिक धरोहर कला मंच ने रिकांगपिओ के रामलीला मैदान में महासम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में पुराने व नए कलाकारों के साथ शहनाई वादक, मूर्तिकार को एक मंच में लाकर एक दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस एक दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्देश्य लुप्त हो रही किन्नौरी संस्कृति, वेशभूषा, पारंपरिक धरोहर को बचाने व पुराने कलाकारों व नए उभरते कलाकारों के मध्य सामंजस्य स्थापित कर पारंपरिक लोक गीतों को संजोए रखना है।
महासम्मेलन के मुख्यअतिथि उपायुक्त गोपाल चंद थे। एसडीएम कल्पा मेजर डॉक्टर अवनींद्र शर्मा व जिला लोकसंपर्क अधिकारी नरेंद्र शर्मा बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। मंच के अध्यक्ष रघुवीर नेगी ने सभी अतिथियों को किन्नौरी टोपी व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। उपायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि किन्नौरी संस्कृति की अपनी एक अलग पहचान है। अपनी संस्कृति को बचाए रखना सबका दायित्व है।
उपायुक्त ने कलाकारों, शिल्पकरों, मूर्तिकारों व अपने फील्ड में महारथ रहे महानुभाव को एक मंच पर लाकर सम्मानित करने के लिए सांस्कृतिक धरोहर कला मंच के आयोजकों को बधाई दी। सर्व प्रथम किन्नौरी वाद्य यंत्र कल्पा ने अपनी प्रस्तुति दी। ततपश्चात लोक सांस्कृतिक कला मंच दल ने किन्नौरी स्वागत गाना पेश किया।
मशहूर कलाकार केदार नेगी ने पारंपरिक किन्नौरी गीत पेश कर पंडाल में बैठे लोगों का दिल जीत किया। उसके बाद गुरवचन नेगी, भाग देवी व बबिता ने भी अपनी प्रस्तुति दी। चगांव, मीरु गांव के महिला मंडल ने भी वेश भूषा में लोक नृत्य पेश किया। आठ साल का आशीष नेगी व अरविंद नेगी (छोटा बच्चा) ने भी गाना पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर किया।
किन्नौरी कलाकारों को किया सम्मानित
एक दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों के साथ देश व विदेशों में अपना कार्यक्रम दे चुके शहनाई वादक, ढोल वादक, शिल्पकार, शहनाई वादक व मूर्तिकार को भी लोक सांस्कृतिक धरोहर मंच ने सम्मानित किया। इस अवसर पर लोक सांस्कृतिक धरोहर कला मंच के सभी पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे। कार्यक्रम को केबल नेटवर्क व यू-ट्यूब पर भी दिखाया गया।