शिमला : राजधानी से सटे सुन्नी तहसील के बसंतपुर स्थित महाकाल मंदिर में भू-समाधि से अंर्तध्यान होने का ड्रामा बाबा और उसके चेलो ने खुद रचा था। पहले नवरात्रे को श्रद्वालुओं के समक्ष देवेंद्र नाथ नामक बाबा ने दावा किया था कि भू-समाधि में जाने के बाद वह अंर्तध्यान होकर स्वर्गलोक चला जाएगा। प्रख्यात व चमत्कारिक बाबा बनने के चक्कर में उसने भू-समाधि तो ले ली। लेकिन कुछ ही देर बाद वह समाधि के लिए बनाए गए गढ्ढे में ठंड से कांपने लगा। रात को जब श्रद्वालु मंदिर से चले गए, तो उसके चेलों ने उसे समाधि से निकाला। इसके बाद अगले सुबह बस लेकर वह चंडीगढ़ पहुंचा और वहां से उज्जैन के लिए रवाना हो गया।
लोगों की आस्था से खिलवाढ़ करने वाले बाबा ने सुन्नी पुलिस के समक्ष पूछताछ में खुद यह राज खोला। सनद रहे कि एमबीएम न्यूज नैटवर्क ने मामला प्रकाश आने के तुरंत बाद ढोंगी बाबा के ड्रामे का पटाक्षेप करते हुए दावा किया था कि उसने लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया है और उसकी अंर्तध्यान होने की बात झूठी हैं।
यह ढोंगी बाबा शनिवार की रात महाकाल मंदिर वापिस लौट आया था। दरअसल पुलिस को पहले से ही इस बात का आभास हो गया था कि बाबा के अंर्तध्यान होने का दावा सच्च नहीं है। पुलिस ने चेलों को बाबा को उज्जैन से लाने के लिए कहा था। उसके महाकाल मंदिर में लौटने की खबर इलाके में फैली, तो माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थानीय लोग इस बात को लेकर खासे आक्रोशित हैं कि लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा हैं। देवेंदर नाथ के अतिरिक्त मंदिर में रह रहे अन्य तीन बाबाओं दिवान नाथ, अरूण नाथ व राजेंद्र नाथ को जनता के क्रोध से बचाने व पूछताछ के लिए पुलिस एहतियातन सुन्नी थाने में अपनी सुरक्षा में रखे हुए है। वहीं महाकाल मंदिर परिसर में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
शिमला के डीएसपी दिनेश शर्मा ने बताया कि समाधि से गायब हुए कथित बाबा देवेंद्र नाथ ने यह कबूल किया है कि भू-समाधि लेने के कुछ समय बाद वह समाधि से बाहर आ गया था। उन्होंने कहा कि यह सब भक्तों की भीड़ जुटाने तथा ख्याति अर्जित करने के लिए किया गया था। इस बीच स्थानीय पंचायत ने आज बैठक बुलाकर महाकाल मंदिर में रहने वाले देवेंद्र नाथ सहित चार बाबाओं को तुरंत मंदिर खाली करने और अपने मूल स्थानों पर जाने के फरमान जारी किए हैं।