भुंतर: वीरवार रात दशहरे की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में भाग लेने के बाद दो नाबालिग लड़कियों ने अपने ही गायब होने की साजिश रची। लड़कियां अपने माता-पिता के साथ कुल्लू का दशहरा देखने आई थी। लापता होने का खेल इन नाबालिग लड़कियों ने इसलिए रचा, क्योंकि वो दोनों घर से बाहर नाइट बिताना चाहती थी। जिसकी अनुमति इन्हें घर वाले कभी नहीं दे सकते थे, इसलिए इन्होंने लापता होने का ड्रामा रचाया। अपने परिजनों को उन्होंने फोन पर बताया कि हम कहीं दशहरे में गुम हो गई हैं।
एसपी गौरव सिंह ने बताया कि दोनों लड़कियों ने साढ़े 9 बजे कला केंद्र कार्यक्रम में भाग लेने के बाद अपने घरों से बाहर रात एक साथ बिताने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने सर्किट हाउस ढालपुर के पास एक गेस्ट हाउस में एक कमरा बुक किया। अपने माता-पिता के डर से लड़कियों ने अपने लापता होने की एक कहानी बनाई। माता-पिता ने सदर थाना पुलिस से संपर्क कर सारी घटना बताई। मोबाइल लोकेशन के हिसाब से साइबर टीम ने तुरंत उन्हें ट्रेस करना शुरू कर दिया। यही नहीं पुलिस ने रात को ही कई सीसीटीवी कैमरे को भी खंगाले। यहीं नहीं, पुलिस की कई टीमें मेला ग्राउंड ढालपुर में भी लड़कियों की तलाश में जुट गई।
लड़कियों के मोबाइल नंबर पर जब पुलिस व परिजनों ने बार-बार संपर्क किया तो डर की वजह से होटल का कमरा छोड़कर भाग गई। रात को अढ़ाई बजे के आसपास उन्हें गांधीनगर में इन्हें तलाश किया गया। अपने रेस्ट हाउस के कमरे से बाहर भागने के बाद यह लड़कियां यहां घूम रही थी। पुलिस को पूछताछ में इन नाबालिग लड़कियों ने बताया कि माता-पिता ने उन्हें कभी भी रात को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी इसलिए इन्होंने घर से बाहर रात बिताने की योजना के चक्कर में गायब होने की कहानी बनाई।
लड़कियों ने अपनी गलती कबूल की और इस नासमझी में की गई भूल के लिए माता-पिता से क्षमा मांगी। रात भर पुलिस और परिजन लड़कियों की तलाश में लगे रहे। गांधीनगर में मिलने के बाद सभी ने राहत की सांस ली।