धर्मशाला : चंद रोज से कांगड़ा के ज्वालामुखी क्षेत्र के एक बुजुर्ग का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इसमें बुजुर्ग द्वारा सड़क के बीच में कुर्सी लगाई गई है। कुर्सी को उसी सूरत में हटाता है, जब उसे वाहन चालक से 10 रुपए मिल जाते हैं। सोशल मीडिया में वीडियो जब वायरल हुआ तो सरकार को शर्मिंदगी हुई होगी। जीवन के इस पड़ाव में पहुंच कर सरकारी व्यवस्था बुजुर्ग की मांग नहीं पूरी कर पा रही थी।
आप जानकर दंग रह जाएंगे कि इस मामले में पुलिस ने बुजुर्ग जागर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा-341 व 384 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। माना जा रहा है कि बुजुर्ग का कसूर यह नहीं है कि वो सड़क में बैठकर वाहन चालकों से 10-10 रुपए मांग रहा था, बल्कि गलती यह है कि अपने विधायक रमेश ध्वाला का जिक्र कर बैठा। उसने कह दिया कि वह अपने विधायक के कहने पर ऐसा कर रहे हैं। सवाल इस बात पर उठता है कि 88 साल के बुजुर्ग की बात पर विश्वास किया जाए या क्षेत्र के विधायक रमेश ध्वाला के तर्क पर।
उल्लेखनीय है कि रमेश ध्वाला से भी मीडिया ने यह सवाल पूछा था कि क्या उन्होंने जागर सिंह को इस तरह से टोल एकत्रित करने को कहा है तो इस पर पूर्व मंत्री ने इंकार कर दिया था। अब आप सोच रहे होंगे कि बुजुर्ग की डिमांड क्या थी। दरअसल, वो लंबे अरसे से एक डंगा बनवाने के लिए भटक रहे थे। वीडियो में बुजुर्ग साफ कहते सुने जा सकते हैं कि विधायकों के तो मजे हैं। यह फैसला पाठकों को ही करना है कि बुजुर्ग के खिलाफ कार्रवाई जरूरी थी या नहीं। बेहतर होता कि सरकार पहले बुजुर्ग की मामूली सी डिमांड को पूरा कर देती।
जनमंच का भी सरकार ढोल पीट रही है। बुजुर्ग की मानें तो जनमंच से भी कोई राहत नहीं मिली। अंग्रेजी दैनिक द ट्रिब्यून में छपे ज्वालामुखी के डीएसपी तिलकराज का कहना था कि जबरन वसूली का मामला आईपीसी की धारा 341 व 384 के तहत दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि मार्ग पर ट्रैफिक बाधित करने की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जा सकती।
गौरतलब है कि मंगलवार को भी सरकार को उस समय किरकिरी का सामना करना पड़ा था, जब 8 विधायकों के डीओ नोट पर किए गए समाजसेवी की पत्नी के तबादले को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।