नाहन : हरिपुरधार क्षेत्र के जरवा के रहने वाले 34 साल के धाजू राम की चंडीगढ़ में 32 सेक्टर स्थित मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई है। दरअसल अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले धाजू राम को मंगलवार को यह कहकर रैफर कर दिया गया था कि मेडिकल कॉलेज चंडीगढ़ में हिमकेयर कार्ड की बदौलत निशुल्क उपचार उपलब्ध हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
क्षेत्र का ही रहने वाला एक शख्स परिवार का मददगार बना है। जिसने गरीब परिवार की यह दास्तां नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एमबीएम न्यूज नेटवर्क तक पहुंचाई है। अब सवाल यह उठता है कि हिमकेयर कार्ड के तहत गरीब को सुविधाएं क्यों नहीं मिली, जिसकी कीमत उसे अपना जीवन गंवाकर चुकानी पड़ी। जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों ने थोड़ी बहुत आर्थिक मदद की। विडंबना यह है कि धाजू राम अपने पीछे पत्नी कांता देवी के अलावा तीन बेटियां व दो बेटे छोड़ गया है।
तमाम बच्चे दसवीं कक्षा तक भी नहीं पहुंचे हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि तमाम बच्चों की उम्र 15 साल से कम है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर भी इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई गई है। हालांकि शिकायत डलते ही आधे घंटे में रिस्पांस की बात कही गई थी, लेकिन शाम तक भी कोई ठोस रिस्पांस नहीं आया।
उल्लेखनीय है कि जरवा के रहने वाले धाजू राम का निधन वीरवार सुबह 6 बजे हुआ। बताया गया कि नाहन मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज स्लिप पर बाकायदा हिमकेयर कार्ड का नंबर यह कहकर लिखा गया था कि इससे चंडीगढ़ में धाजू राम को ट्रैक करने के बाद उपचार उपलब्ध हो जाएगा।
बहरहाल यह जांच का विषय है कि क्या 34 साल के शख्स की मौत डेंगू से इस कारण हो गई, क्योंकि उसे सही तरीके से इलाज नहीं मिला। साथ ही इस व्यवस्था की भी पोल खुल गई है कि बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा का दावा करने वाली हिमाचल सरकार के पास भी डेंगू के इलाज की व्यवस्था नहीं है।