मंडी : हिमाचल प्रदेश सरकार देसी गायों के प्रचलन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में दो नए वीर्य बैंक स्थापित करने जा रही है। इसके लिए पशु पालन विभाग के माध्यम से प्रारूप तैयार किया गया है। जल्द ही इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने मंडी में दी। आज उन्होंने उपायुक्त के सभागार में जिला के गौ संचालकों, पंचायत प्रतिनिधियों और पशु पालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में गौ सेवा आयोग के सदस्य भी मौजूद रहे। उन्होंने मंडी में आवारा गायों की मौजूदा स्थिति के बारे में जाना और इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। उन्होंने बताया कि गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो उसे सड़कों पर आवारा घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है। जबकि बैलों का प्रचलन वैसे ही कम हो गया है। उन्होंने बताया कि लोग देसी गायों का पालन करें। प्रज्जनन के दौरान 90 प्रतिशत बछड़ियों को जन्म हो, इस दिशा में राज्य सरकार कार्य कर रही है। इसके लिए प्रदेश में दो वीर्य बैंक स्थापित किए जा रहे हैं। जिनमें सिर्फ देसी बैलों का ही वीर्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि जो वीर्य गायों के गर्भाशय में छोड़ा जाएगा। उससे 90 प्रतिशत बछड़ियां जबकि 10 प्रतिशत बछड़ों का जन्म होगा। ऐसा होने से गायों की मांग बढ़ेगी और उन्हें सड़कों पर आवारा नहीं छोड़ा जा सकेगा।
उपाध्यक्ष हिप्र गौ सेवा आयोग अशोक शर्मा ने बताया कि सीएम जयराम ठाकुर के नेतृत्व में आयोग गौ संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि शराब की खरीद पर प्रति बोतल एक रूपए गौ सेस के नाम पर इकट्ठा किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 में 7 करोड़ 95 लाख की राशि को खर्च किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि मंडी में माता मुरारी देवी के पास 300 बीघा भूमि पर काॅउ सेंचुरी का निर्माण किया जा रहा है।
वन विभाग से मंजूरी मिलते ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। इस मौके पर गौ सेवा आयोग के चेत राम, महंत अभिषेक गिरी, आयोग के उपनिदेशक डॉ . अनुपम मित्तल और जिला पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. विशाल शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।