शिमला : एचआईवी की गलत रिपोर्ट के बाद सदमे में गई युवती की मौत का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंजा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और इसकी जांच करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने सदन में ऐलान किया कि निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं इस मामले की पूरी जांच करेंगे तथा आगामी 15 दिन में रिपोर्ट पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने पर निजी क्लीनिक की लापरवाही उजागर होने पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने मृतका के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि सरकार की तरफ से प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले रोहड़ू के विधायक मोहल ब्राक्टा ने प्वाइंट ऑफ़ आर्डर के तहत यह मामला उठाते हुए कहा कि निजी क्लीनिक की लापरवाही से महिला की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मृतक महिला रोहडू उपमंडल के डोडरा क्वार की रहने वाली थी और शादीशुदा थी। रोहडू की एक निजी लैब ने महिला को एचआईवी पाॅजिटिव से ग्रस्त बताया। इसके बाद महिला को शिमला के केएनएच अस्पताल रैफर किया गया। वहां उसका ऑपरेशन हुआ और जब उसे पता चला कि वह एचआईवी पाजिटिव है, तो वह कोमा में चली गई।
आईजीएमसी अस्पताल में लिए गए टैस्ट में महिला की रिपोर्ट एचआईवी नेगेटिव आई। ब्राक्टा ने बताया कि सदमे के कारण बीते कल महिला की आईजीएमसी में मौत हो गई। उन्होंने सरकार से इस प्रकरण की विस्तृत जांच करवाने, निजी लैब के खिलाफ कड़ी कारवाई करने तथा मृतक युवती के परिवार को मुआवजा देने की मांग की।