चंबा : लाहौल-स्पीति से मणिमहेश यात्रा पर निकला श्रद्धालुओं का 22 सदस्ययी दल डुग्गी नाले में फंस गया। सोमवार दोपहर बाद ग्लेशियर पिघलने से अचानक डुग्गी नाले में जलस्तर बढ़ गया, जिससे श्रद्धालुओं को संभलने का मौका तक नहीं मिल पाया। गनीमत यह रही कि मणिमहेश एडवेंचर एजेंसी का एक दल डुग्गी नाले के दूसरे छोर पर दिल्ली से आए एक दल को एडवेंचर गतिविधियों बारे जानकारी दे रहा था। श्रद्धालुओं के चिल्लाने की आवाज सुन एडवेंचर ग्रुप के लोग मौके पर पहुंचे।
उन्होंने उफनते नाले से 22 श्रद्धालुओं को सुरक्षित रेस्क्यू किया। नाला पार करने के बाद श्रद्धालुओं की जान में जान आई। जिसके बाद ही श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा के अपने अगले पड़ाव के लिए निकल गए। हर वर्ष लाहौल-स्पीति के शिव भक्त मणिमहेश यात्रा के लिए वाया कुगती जोत होकर निकलते हैं। बर्फीले दर्रे तथा तेज बहाव वाले नालों को पार कर श्रद्धालु करीब 90 किलोमीटर का सफर तय कर मणिमहेश पहुंचते हैं। इसी क्रम में 3 दिन पूर्व 22 सदस्यों का एक दल मणिमहेश यात्रा के लिए निकला था।
इस दौरान भेड़ पालकों द्वारा नाले पर बनाई गई लकड़ी की अस्थाई पुली भी बह गई। एडवेंचर एजेंसी के निदेशक सरवन कुमार ने बताया कि हमारा एक दल दिल्ली के एक ग्रुप को इस क्षेत्र के एडवेंचर गतिविधियों बारे जानकारी प्रदान कर रहा था। इस दौरान लोगों की चिल्लाने की आवाज सुन टीम के सदस्य जगन सिंह, सुभाष, बलदेव राम, राम प्रसाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने रिवर क्रॉसिंग तकनीक का इस्तेमाल करते हुए नाले की दूसरी तरफ से 22 श्रद्धालुओं को सकुशल निकाला।