सोलन : अगर आप यह सोचते हैं कि कालका से परवाणु हाईवे पर वादियों का लुत्फ उठाएंगे, तो जान लीजिए यह सोचना बिल्कुल ही गलत होगा। फोरलेन के निर्माण कार्य ने इस हाईवे के सफर का मजा तो किरकिरा कर ही रखा है, साथ ही घंटों तक के ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। इसके अलावा राहगीरों के लिए कुम्हारहट्टी चौक पर चलना दूभर हो चुका है।
हैरान करने वाली बात यह भी है कि फोरलेन निर्माण में जुटी कंपनी मनमानी से बाज नहीं आती। बुधवार की शाम कंपनी के मौके पर मौजूद अधिकारी ने बगैर समन्वय के ही गटका बिछवाना शुरू कर दिया। इससे कीचड़ में सने ट्रैफिक कर्मियों को उस समय अधिक परेशानी हुई, जब जाम के बीच एक एम्बुलेंस फंस गई। गौरतलब है कि फोरलेन कंपनी की नालायकी की वजह से बेवजह ही पुलिस को आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है।
अहम बात यह है कि परमाणु से आगे फोरलेन का कार्य तो हो चुका है, लेकिन निर्माण के दौरान बरती गई कोताही की वजह से लेफ्ट साइड की लेन को बंद रखा गया है। क्योंकि लैंड स्लाइडिंग की भी आशंका बनी रहती है। इसके अलावा सनावरा व कुमारहट्टी में घंटों तक जाम में फंसने की नौबत पैदा हो रही है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु करने के लिए परमाणु से कुमारहट्टी तक के बीच केवल एक ट्रैफिक कर्मी नजर आया।
बात यह है कि ट्रैफिक पुराने हाईवे पर ही चल रहा है। अब सवाल उठता है कि इतने लंबे अरसे से निर्माण कार्य में जुटी कंपनी कर क्या रही है। एक तरफ भूस्खलन का खतरा पैदा कर दिया है तो दूसरी तरफ नियमित तौर पर जाम की स्थिति बन गई है। जाम में फंसे कई लोगों का कहना है कि एक तरफ तो पहाड़ों की खुदाई कर कुदरत से छेड़छाड़ की गई है। वहीं दूसरी तरफ परवाणु से सोलन तक का भी फोरलेन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। अगर कार्य भी पूरा हुआ होता तो भी कुछ राहत की बात होती।
प्रश्न इस बात पर भी पैदा हो रहा है कि कुमारहट्टी फ्लाईओवर निर्माण के दौरान क्यों नहीं ट्रैफिक को सुचारू करने के कदम उठाए जा रहे हैं। चौक पर ही पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, जबकि लेन तोड़कर भी कई वाहन चालक स्थिति को बदतर बना रहे हैं। कुल मिलाकर जल्दी स्थिति के सुधरने के आसार भी नजर नहीं आ रहे हैं।