एमबीएम न्यूज़/शिमला
हिमाचल यूनिवर्सिटी में एबीवीपी वर्करों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के विरोध में अनोखा प्रदर्शन किया। यूनिवसिटी के कैंपस में एबीवीपी वर्कर शवों का नकली रूप धारण करते हुए जमीन पर लेट गए। यूनिवर्सिटी के पिंक पटेल चैक पर एबीवीपी ने ये प्रदर्शन यूजी कक्षाओं के अधूरे परिणाम को जल्द घोषित करने तथा निष्कासित किए गए 10 छात्रों के समर्थन में किया।
विरोध-प्रदर्शन के दौरान एबीवीपी ने प्रदेश के कुलपति को तानाशाह करार देते हुए उनके खिालफ जमकर निशाना साधा। कुलपति सिकंदर कुमार के विरूद्व एबीवीपी का इस तरह का मुखर प्रदर्शन पहली बार देखने को मिला है। एबीवीपी के विवि इकाई सचिव अंकित चंदेल ने बताया कि प्रदेश विश्विद्यालय ने पीजी की प्रवेश परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट तो लगा दी है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बार भी नहीं सोचा कि क्या सभी प्रवेश परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के यूजी के परिणाम घोषित हो चुके हैं या नहीं।
उन्होंने कहा कि कई विद्यार्थियों के आधे अधूरे परिणामो के साथ पीजी प्रवेश की मेरिट लिस्ट लगा दी गई है जो की प्रशाशन की कार्यप्रणाली पर गहन प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। चंदेल ने कहा कि जिस तरह 1975 में आपातकाल जैसे काले समय को खत्म करने का काम देश के छात्र-छात्राओं ने जेपी नारायण मूवमेंट खड़ा करके किया था उसी प्रकार से इस तानाशाह कुलपति के अहंकार को खत्म करने का काम भी विद्यार्थी परिषद करेगा।
उन्होंने मांग उठाई कि जल्द से जल्द आधे अधूरे पड़े परिणाम को घोषित किया जाए साथ ही 10 छात्रों का निष्कासन को वापस लिया जाए और जिन विद्यार्थियों के परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुए हैं और उनका नाम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में आ गया है उन छात्र-छात्राओं के भी परिणामों को घोषित किया जाए। उन्होंने विवि प्रशासन को आगाह किया कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे 22 जुलाई को विवि स्थापना दिवस का पुरजोर विरोध करेगी।