एमबीएम न्यूज/नाहन
बारिश में ही कौंथरों क्षेत्र की गुज्जर बस्तियां करीब दो सप्ताह से प्यासी हैं। 6 जुलाई को आईपीएच के अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया था। ग्रामीणों से कहा कि सड़क में लगे बोरवैल में पानी नहीं है। मारकंडा नदी का पानी स्वच्छ होने पर पेयजल मिलेगा। साथ ही यह आश्वासन दिया कि नए बोरवैल का ऑर्डर दे दिया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि बास में हैंडपंप ठीक करवाने का आग्रह भी किया गया, लेकिन एसडीएम ने जवाब दिया कि अगर मशीन आती है तो सफाई करवा दी जाएगी। ग्रामीणों का आरोप है कि जानबूझ कर ऐसी स्थिति को पैदा किया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक निरीक्षण के दौरान सुपरवाईजर ने तर्क दिया कि बोरवैल से पंपिंग नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि जब तक समाधान नहीं होता, तब तक सीधी आपूर्ति दी जा सकती है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले तो विभाग ने हामी भर दी। जब लोगों ने इकट्ठा होकर सामान खरीद लिया तो जेई ने इंकार कर दिया। तकनीकी तौर पर बोरवैल से टैंकों के माध्यम से सप्लाई संभव नहीं हो रही है, लेकिन अगर सीधी आपूर्ति की जाए तो समस्या का समाधान हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि वो 25 सालों से मारकंडा नदी का पानी पीने पर इस उम्मीद में विवश हैं कि अच्छे दिन आएंगे।
ग्रामीण राम सिंह, राम चंद्र, प्रेम सिंह, हिरदा राम, ओम प्रकाश, जगमाल राणा, जगदीश कुमार, मोहम्मद शौकत अली इत्यादि ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है।