एमबीएम न्यूज़/नाहन
करोड़ों रूपए खर्च कर नाहन के बनोग में बने पीजी कॉलेज नाहन के नव निर्मित भवन में खामियां ही खामियां हैं। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदेश की तत्कालीन सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा लोकनिर्माण विभाग व कॉलेज प्रशासन पर जल्द उदघाटन का दबाव सामने आया है। जाती हुई सरकार ने आनन-फानन में इसका उदघाटन तो कर डाला मगर तकनीकी खामियों के चलते अब धीरे-धीरे कॉलेज के भवन में कई प्रकार की परेशानियां सामने आ रही है। कॉलेज की छत का एक ऊपरी हिस्सा जरा से तूफ़ान में उखड गया है।
टीन उखड़ने से बारिश का पानी लाईब्रेरी कक्ष में पहुंच गया है। पहली ही बारिश में छतों का पानी लाईब्रेरी में आने से यहां तालाबनुमा दृश्य बन गया। कई महंगी व दुर्लभ किताबों को बचाने के लिए कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ छात्रों ने भी मिलकर लाईब्रेरी से बारिश के पानी को बाहर निकाला। यही नहीं, जल्दबाजी में पूरे कॉलेज में थर्माकोल की सीलिंग लगाई गई है। जिसमे कभी भी भयंकर अग्निकांड की घटना से इंकार नहीं किया जा सकता।
कॉलेज की केमिस्ट्री, जियोलोजी व बॉटनी की लैब में विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान तोड़फोड़ से क्षतिग्रस्त हो गई है। पीने के पानी की टंकियां जहां लगी हैं, वहां से छत का हिस्सा उड़ गया है। इस कारण दिनभर बंदर टंकियों में आकर पानी पीते हैं व डुबकियां मारते हैं। जिससे कॉलेज स्टाफ व छात्रों को अशुद्ध पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। सड़क के साथ बने कॉलेज के तल का एक हिस्सा बरसात के कारण धंसना शुरू हो गया है।
जवाबदेही को लेकर पीडब्ल्यूडी व कॉलेज प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। आनन-फानन में किए गए उदघाटन से सबसे ज्यादा नुकसान छात्रों को उठाना पड़ा है।