एमबीएम न्यूज़/नाहन
9 वीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में जिला व सत्र न्यायाधीश देवेंद्र शर्मा की अदालत ने संगड़ाह उपमंडल के खूड़ द्राबिल के रहने वाले वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरू पुत्र रमसा राम को दोषी करार दिया है। आईपीसी की धारा-376 व पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी को 7 साल कठोर कारावास के आदेश दिए गए हैं। साथ ही दोषी को 50,000 का जुर्माना अदा करने के भी आदेश अदालत ने दिए हैं। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को एक साल अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी के मुताबिक रोनहाट के कोटीबौंच की रहने वाली पीड़िता के गांव के रहने वाले मस्तराम के वाहन का दोषी चालक था। इस दौरान वह पीड़िता के घर भी आता-जाता था। 13 जनवरी 2015 को दोषी ने पीड़िता को शादी का ऑफर दिया। इस दौरान पीड़िता घर पर अकेली थी। दोषी अपने वाहन में पीड़िता को बहला-फुसलाकर ले गया।
पीड़िता को बाद में पता चला कि वीरेंद्र सिंह पहले से शादीशुदा है, जिसके 3 बच्चे भी हैं। तीन महीने तक पीड़िता को दोषी ने खूड़-द्राबिल में ही अपने घर पर रखा। इसके बाद रोनहाट में किराए के मकान में भी शारीरिक शोषण किया। इस दौरान पीड़िता गर्भवती भी हो गई थी। इसके बाद दोषी पीड़िता को शिमला भी ले गया। यहां 15 से 20 दिन रहने के बाद उसे हरियाणा ले गया। इसी बीच पीड़िता को पुलिस ने बरामद कर लिया। शिलाई में मेडिकल के दौरान पीड़िता के गर्भवती होने की भी पुष्टि हो गई।
मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने पीड़िता की निशानदेही पर उस स्थान को भी पहचान लिया, जहां उसे रखा गया था। साथ ही पीड़िता ने वारदात में इस्तेमाल किए गए वाहन को भी पहचाना। उल्लेखनीय है कि दोषी पीड़िता को अपने गांव 15 अगस्त 2016 को ले गया था। बाद में पीड़िता ने ददाहू अस्पताल में एक बेटे को जन्म दिया। पुलिस ने डीएनए प्रशिक्षण परीक्षण करवाया। इसमें इस बात की तस्दीक हो गई, कि वीरेंद्र सिंह उर्फ बीरू नवजात शिशु का जैविक पिता है। जिला न्यायवादी के मुताबिक इस मामले में 17 गवाह पेश हुए।
जिला न्यायवादी महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता के बरामदगी के बाद पुलिस शिलाई पुलिस ने आईपीसी की धारा 363,366,376 व पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। उल्लेखनीय है कि इस मामले की पैरवी जिला न्यायवादी महेंद्र कुमार शर्मा ने की।