एमबीएम न्यूज़/ऊना
एक तरफ सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में उच्च स्तर की शिक्षा मुहैया करवाने का दावा कर रही हैं। वहीं सरकार और विभाग के दावों की कलई के एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका ने खोल कर रख दी है। दरअसल धुसाड़ा गांव के प्राइमरी स्कूल की एक अध्यापिका ने पिछले कल छात्रा द्वारा लिखे गए संडे-मंडे में वेडनेसडे से लेकर सैचरडे तक गलत शब्दों पर ठीक का निशान लगा दिया। जब छात्रा के परिजनों ने यह गलती देखी तो उन्होंने अध्यापिका से मुलाक़ात की। मगर अध्यापिका ने उन्हें आगे भी ऐसे ही पढ़ाने की बात कह दी।
छात्र के पिता ने कहा कि इससे पहले भी अध्यापिका ने गलत शब्दों को ठीक कर दिया था। जिस पर अध्यापिका ने आगे से ऐसी गलती न होने की बात की थी, लेकिन अब फिर उन्हीं गलतियों को दोहराया जा रहा है। छात्रा के पिता ने कहा कि बच्चे अध्यापकों के पढ़ाये पर ही विश्वास करते हैं। अगर अध्यापक ही बच्चों को गलत पढ़ाएंगे तो बच्चों का भविष्य कैसे उज्ज्वल होगा। वहीँ अध्यापिका ने अपनी गलती को स्वीकार तो किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह गलती उनसे कैसे हुई उन्हें नहीं पता। अध्यापिका ने कहा कि हो सकता है बच्चे ने ही इसे शुद्ध कर दिया हो।
वहीं अध्यापिका ने गलती मानने के बाद भी परिजनों पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया। वहीँ प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक संदीप कुमार ने मामले की खंड शिक्षा अधिकारी से जांच करवाने का दावा किया। शिक्षा उपनिदेशक ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।