अमरप्रीत सिंह/सोलन
निजी स्कूलों की मनमानी और फीस वृद्धि की मिल रही शिकायतों के बाद शिक्षा विभाग अब एक्शन मॉड में नजर आ रहा है। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग को की गई शिकायतों के मद्देनजर सोमवार को उच्च शिक्षा उपनदेशक योगेंद्र मखैक ने सभी स्कूलों की मीटिंग बुलाई। जिसकी सूचना विभाग ने पहले से ही सभी निजी स्कूलों को दी थी।
बावजूद इसके केवल 21 स्कूल के पदाधिकारियों ने ही बैठक में भाग लिया। अपने-अपने स्कूल का वित्तीय लेखा-जोखा पेश किया। जबकि 14 स्कूलों ने विभाग के निर्देशों की अनदेखी की। स्कूलों की गैर हाजरी को देखते हुए उपनिदेशक सुर्ख नजर आए। बैठक में भाग न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही। वही उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को वही अध्यापक स्कूलों में रखने चाहिए जो सभी शर्ते पूरी करते हो। मैनेजमेंट को अध्यापको को भी पूरी सैलरी देनी चाहिए।
उन्होंने स्कूल मैनेजमेंट से अपील की है कि वह जितनी फीस वृद्धि कर रहे है उसका हिस्सा भी अध्यापकों की तनख्वाह में लगाया जाए, ताकि छात्रों को अध्यापक मन लगाकर अच्छी शिक्षा दें। मजबूरी में अगर कोई अध्यापक आपके पास काम कर रहा है तो उसकी मजबूरी का फायदा ना उठाएं। क्योंकि गर अध्यापक खुश नहीं है तो कभी भी स्कूल व छात्रों का फायदा नहीं हो सकता उन्होंने स्कूल प्रबंधन से अभिभावकों से पैसे के लेन-देन में पारदर्शिता बनाने की नसीहत भी दी।