वी कुमार/मंडी
पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के दोबारा कांग्रेस में शामिल होने के बाद वीरभद्र सिंह के समर्थक भी अब एकजुट होकर चलने की मुड़ में नजर आ रहे हैं। वीरभद्र सिंह के समर्थक एक नीजि होटल में लंच के बहाने मिले और उन्होंने सुखराम परिवार के दोबारा कांग्रेस में आने को लेकर चर्चा की।
मिली जानकारी के अनुसार वीरभद्र सिंह के समर्थक पंडित सुखराम के दोबारा पार्टी में आने से ज्यादा खुश तो नहीं हैं, लेकिन संगठन के लिए काम करने का मन बना चुके हैं। लोकसभा चुनावों में मंडी से आश्रय शर्मा का टिकट लगभग तय माना जा रहा है और ऐसे में सिर्फ औपचारिक ऐलान होना बाकी है। वीरभद्र समर्थकों का संगठन के लिए काम करने का ऐलान कहीं न कहीं सुखराम के लिए संजीवनी का काम कर सकता है। ऐसे में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि दो बड़ी ताकतों के एकजुट होने से कांग्रेस का पलड़ा भारी हो सकता है।
बता दें कि वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम में हमेशा ही 36 का आंकड़ा रहा है। प्रदेश भर में इन दोनों ही बड़े नेताओं के अपने-अपने समर्थक हैं। यदि यह सभी मिलकर चलते हैं और संगठन व प्रत्याशी के लिए काम करते हैं तो एक नई और अनूठी बात होगी। ऐसा भी माना जा रहा है कि सुखराम परिवार के दोबारा कांग्रेस में आने के बाद पार्टी हाईकमांड ने सारी पुरानी बातों को भूलाकर नई शुरूआत करने का निर्देश दिया है जिसके बाद सभी एकजुट होने की तरफ नजर आ रहे हैं। हालांकि यह भविष्य में ही पता चल पाएगा कि यह दोनों गुट हकीकत में एकजुट हो भी पाते हैं या फिर यह सिर्फ दिखावा मात्र होगा।