एमबीएम न्यूज़/जंजैहली
सिराज विधानसभा क्षेत्र में बलि प्रथा का खेल अब भी जारी है। ग्राम पंचायत शिकावरी के गांव गुनास में काली माता के मंदिर में शुक्रवार सुबह बलि प्रथा हो रही थी, जिसे रोकने के लिए युवक मंडल प्रधान एवं पत्रकार लीलाधर चौहान को काफी जद्दोजहद का सामना करना पड़ा। आखिर में काली माता के मंदिर में बलि प्रथा को नहीं होने दिया गया। मौजूद लोगों का कहना था कि उन्हें देव कारिंदों ने बलि प्रथा को कायम रखने के लिए कहा है। अन्यथा उनके परिवार पर कोई आपदा आ सकती है।
युवक मंडल प्रधान का कहना है कि उनके गांव के लोग बहुत गरीब है व अनुसूचित जाति परिवार से संबंधित है। जो देवता के नाम पर कुछ भी करने के लिए तैयार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में पशु बलि प्रथा पर जबरदस्ती उकसाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके गांव में परिवारों का आपसी प्रेम प्यार व भाईचारे की भावना थी, मगर इस बलि प्रथा के कारण आज गांव टुकड़ों में बंट गया है।
लीलाधर ने बताया कि वे पिछले 10 सालों से सिराज विधानसभा क्षेत्र में जाति प्रथा के घिनौने अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। स्कूलों में मिड डे मील के दौरान अनुसूचित जाति के बच्चों को अलग से खाना खिलाने पर आपत्ति जताना, मंदिरों में अनुसूचित जाति के लोगों को प्रवेश करने से रोकना इत्यादि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जिन पर उन्होंने काम किया है और सफलता भी मिली है।
एसडीएम थुनाग सुरेंद्र मोहन ने कहा कि सार्वजनिक स्थल पर खुलेआम बलि प्रथा ठीक नहीं है। प्रधान ने तुरंत थाना प्रभारी जंजैहली सुरेंद्र मोहन को इस मामले की जानकारी दी। जांच अधिकारी तरुण हेड कांस्टेबल थाना जंजैहली ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। देव आस्था के नाम पर घिनौना अपराध क्यों?