जीता सिंह नेगी/ रिकांगपिओ
किन्नौर जिले में भारी बर्फबारी के बाद मौसम साफ होते ही पहाडिय़ों से ग्लेशियरों का खिसकना शुरु हो गया है। जिला के तिन्कू नाला, भगत नाला, जंगी नाला, बारंग नाला सहित सांगला के कई क्षेत्रों में ग्लेशियरों के खिसकने से कई संपर्क मार्ग कट चुके हैं। जिसके कारण सड़कों को क्षति पहुंचने से लोक निर्माण विभाग को लाखों रुपयों का नुक्सान हुआ है। ग्लेशियरों की चपेट मे आने से बागवानों के सेब एवं अन्य पेड़ों की बलि चढ़ी है, जिससे बागवानों को भारी क्षति हुई है।
बारंग में कई बागवानों के सेब के पेड़ जड़ से ही निकल गए हैं। वहीं कई पेड़ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बर्फबारी के 13 दिन बाद भी लोक निर्माण विभाग भावनगर-बारंग संपर्क मार्ग को बहाल नहीं कर पाया है। जिससे ग्राम पंचायत बारंग के ग्रामीणों सहित मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत बारंग के एफआरए अध्यक्ष मोहन कुमार नेगी ने बताया है कि बारंग मे कई बागवानों के सेब के बगीचे ग्लेशियर की चपेट मे आने से क्षतिग्रस्त हुए है, जिससे इन बागवानों की आर्थिकी को नुक्सान पहुंचा है। उन्होने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द बागवानों के नुक्सान का आंकलन कर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
उन्होने बताया कि बारंग संपर्क मार्ग को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने एक जेसीबी लगाई गई थी जिसे वापिस भेज दिया है। जबकि संपर्क मार्ग पर अभी भी बर्फ एवं ग्लेशियर की चट्टानें देखी जा रही है। जिसे हटाने के लिए स्नो कटर जैसी भारी मशीनरी की जरुरत है। उन्होने प्रशासन एवं विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द बारंग संपर्क मार्ग को बहाल कर दिया जाए ताकि ग्रामीणों की परेशानी हल हो सके।