एमबीएम न्यूज/नाहन
ददाहू की कटाह शीतला पंचायत के शिरूमाईला गांव के सिपाही विनोद कुमार को शहादत का दर्जा ही मिलेगा। पूर्वीय लद्दाख की करीब 14,500 फीट ऊंची चोटी पर मौसम को दुश्मन मानते हुए सेना ने सिपाही विनोद कुमार को शहीद का दर्जा देने का ही फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस की रात विनोद पूर्वी लद्दाख में करीब 14,500 हजार फीट ऊंची चोटी पर डयूटी कर रहा था। इसी दौरान भारत मां की रक्षा करते-करते प्राण त्याग दिए थे।
चूंकि शुरूआती जानकारी में प्रशासनिक स्तर पर इस बात की अधिकारिक पुष्टि करने से संकोच किया जा रहा था कि सिपाही विनोद कुमार शहीद हुआ है, मगर सोमवार को तमाम संशय दूर हो गए हैं। दरअसल डोगरा रेजीमेंट-2 के सूबेदार ओम प्रकाश व हवलदार ब्रह्मानंद शहीद विनोद का पूरा रिकॉर्ड लेकर नाहन पहुंचे। साथ ही सेना के प्रतिनिधि बुधवार को हरिद्वार में शहीद के अस्थि विसर्जन में भी हिस्सा लेंगे। शहीद विनोद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुछ ओर वक्त लगेगा। हालांकि सेना के स्तर पर शहादत को लेकर कोई संशय नहीं था, क्योंकि परिवार व प्रशासन को भेजे गए संदेश में निधन की वजह बैटल कैजुएलिटी ही बताई गई थी।
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अब प्रशासनिक स्तर पर भी स्थिति स्पष्ट हो गई है। 23 साल का सिपाही परिवार का इकलौता सहारा था। अखबार बेच व अस्पताल की कैंटीन में जूठे बर्तन मांजकर सेना की कोचिंग ली थी। तीन छोटे बहन-भाईयों की पढ़ाई की जिम्मेदारी भी उठा रहा था। बूढे़ दादा-दादी पोते की शादी के सपने संजोए हुए थे। स्पष्ट हुई स्थिति के मुताबिक शहीद विनोद पूर्वी लद्दाख में चीन की सीमा पर चुशुल सेक्टर में तैनात था। ठीक सामने की बर्फीली पहाडि़यों पर चीन का डागले सेक्टर है। सनद रहे भारतीय सेना का यह सेक्टर लेह से करीब 350 किलोमीटर की दूरी पर है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विनोद जहां तैनात था, वहां के हालात कैसे होंगे। 16 जून 1995 को जन्में विनोद की शहादत पर शिरूमाईला गांव में आज भी शोक की लहर है।
उधर सैनिक वैलफेयर बोर्ड के उपनिदेशक मेजर दीपक धवन ने पूछे जाने पर पुष्टि करते हुए कहा कि सिपाही की शहादत को लेकर अब कोई संशय नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि सेना के प्रतिनिधि पूरा रिकॉर्ड लेकर पहुंचे हैं। कार्यालय के स्तर पर औपचारिकताओं को आज शाम तक ही पूरा कर दिया जाएगा, ताकि परिवार को तत्काल ही आर्थिक राशि जारी की जा सके।
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