अभिषेक मिश्रा/बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश में नीलक्रांति के विकास पर राष्ट्रीय स्तर का मंथन होगा। इस बाबत 31 जनवरी को देश के नामी संस्थानों के विशेषज्ञ और ट्राउट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक भी हिस्सा लेंगे। इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन बिलासपुर में टूरिज्म के होटल लेकव्यू कैफे में किया जाएगा। सम्मेलन की अध्यक्षता ग्रामीण विकास पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर करेंगे, जबकि सदर बिलासपुर हलके के विधायक सुभाष ठाकुर विशेष अतिथि सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन डेयरी व मात्स्यिकी तरूण श्रीधर विशेष रूप में शिरकत करेंगे। खास बात यह है कि सम्मेलन में ट्राउट पालन क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और इसके निष्पादन के साथ-साथ इसके विकास पर गहन चर्चा कर बाकायदा एक रोडमैप भी तैयार किया जाएगा।
यह खुलासा मत्स्य विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक एवं प्रारक्षी सतपाल मैहता ने किया है। उन्होंने बुधवार को यहां जानकारी देते हुए बताया कि मात्स्यिकी का एकीकृत विकास और प्रबंधन की अधिक क्षमता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे मात्स्यिकी क्षेत्र में क्रांति कहा है और इसे नीली क्रांति का नाम दिया है। उन्होंने बताया कि नीली क्रांति अपनी बहु-आयामी कार्यकलापों के साथ-साथ अंतर्देशीय और समुद्री दोनों में जल कृषि और मात्स्यिकी के संसाधनों से मात्स्यिकी उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ौतरी पर ध्यान केन्द्रीत करती है। उन्होंने बताया कि इसी उद्देशय की प्रतिपूर्ति के लिए मात्स्यिकी विभाग द्वारा आगामी 31 जनवरी 2019 को बिलासपुर के लेकव्यू होटल में हिमाचल प्रदेश में शीतजल मत्स्य पालन विकास और चुनौतियों पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।
निदेशक के अनुसार राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मेलन में देश में ट्राउट पालन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले राज्यों जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम, नागालैंड के अतिरिक्त भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भीमताल, केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्यौगिकी संस्थान कोचीन, राष्ट्रीय मात्स्यिकी अनुवांशिक संसाधन व्यूरो लखनऊ इत्यादि उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। यही नहीं, देश में ट्राउट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक भी इस सम्मेलन का हिस्सा बनेंगे और अपने अहम सुझाव देने के साथ साथ नई नई तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों व अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों के लिए भी चर्चा का एक सत्र रखा गया है जिसमें ट्राउट पालन क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और इसके निष्पादन के साथ-साथ इसके विकास पर गहन चर्चा करके एक रोडमैप भी बनाया जाएगा।
विभाग द्वारा 31 जनवरी को बिलासपुर के लेकव्यू होटल में हिमाचल प्रदेश में शीतजल मत्स्य पालन विकास और चुनौतियों पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें ग्रामीण विकास पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री हिमाचल प्रदेश वीरेन्द्र कंवर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे व विधायक सदर बिलासपुर सुभाष ठाकुर विशेष अतिथि होंगे और सचिव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन डेयरी व मात्स्यिकी तरूण श्रीधर भी विशेष रूप में उपस्थित रहेंगे।
..सूबे में 20 हजार परिवारों को मत्स्य-पालन से जोडऩे का लक्ष्य
मत्स्य निदेशक सतपाल मैहता ने बताया कि इस समय प्रदेश में 10 हजार से अधिक मछुआरा परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और विभाग का लक्ष्य 20 हजार परिवारों को जोडऩे का है ताकि प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुणा किया जा सके।