नाहन (रेणु कश्यप): संभवत हमारे बुजुर्गों को तो लिटन मैमोरियल (दिल्ली गेट) के इतिहास के बारे में पता होगा, लेकिन युवा पीढ़ी शायद अब भी इससे अंजान है।
आज विशेष समाचार के माध्यम से हम अपने पाठकों विशेषकर युवाओं को लिटन मैमोरियल के बारे में जागरूक करेंगे। किसी जमाने में लिटन मैमोरियल की घडिय़ों में हर 15 मिनट बाद घंटे बजते थे। यदि 12 बजे हैं तो 12 घंटे 12 बजने का संकेत दिया करते थे। इसी तरह हर 15 मिनट में हर नया घंटा बजा करता था। मगर पिछले काफी सालों से लिटन मैमोरियल में चारों दिशाओं में लगी बड़ी घडिय़ों में अब यह घंटे नहीं बजते। युवा वर्ग भी इन घंटों से बिल्कुल अंजान है।
वर्तमान में इसकी देखरेख का जिम्मा कलकत्ता के बाद दूसरी सबसे बड़ी नगर परिषद नाहन सौंपा गया है। मगर अनदेखी का आलम यह है कि अब यदि घडिय़ां खराब भी हो जाए, तो कई-कई दिनों तक इन्हें ठीक नहीं किया जाता। वर्तमान में भी घड़ी में 7 बजकर 55 मिनट दर्शाए जा रहे हैं, जबकि घड़ी बिल्कुल बंद पड़ी है। अब स्थानीय लोग भी लिटन मैमोरियल की हालत सुधारने की मांग कर रहे हैं।
नगर परिषद के प्रयास हो गए विफल
लिटन मैमोरियल के नीचे रखी सिरमौरी सेना की तोपशहर के प्रवेश द्वार लिटन मैमोरियल के घंटे ठीक करवाने में नगर परिषद नाहन भी विफल हो गई है। ऐसा नहीं की इसकी जांच पड़ताल न करवाई गई हो, बल्कि मैकेनिक ने ही जवाब दे दिया है कि अब यह ठीक नहीं होंगे। लिहाजा अब शायद ही इस मैमोरियल पर दोबारा घंटों की आवाज सुनाई दे सके।
क्या है लिटन मैमोरियल का इतिहास?
लॉर्ड लिटन नाम के एक व्यक्ति ने नाहन का विजट किया था। उस समय उनके स्वागत के लिए इस प्रवेश द्वार का निर्माण किया गया था। बाकायदा इमारत को लिटन मैमोरियल का नाम भी दिया गया। तभी से यह लिटन मैमोरियल के नाम पर मशहूर है।
इंग्लैंड से बाद में मंगवाई गई थी चारों घडिय़ां
इतिहासकार एवं शाही परिवार के सदस्य वर्तमान में हिमफैड के अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह ने बताया कि लिटन मैमोरियल लार्ड लिटन के स्वागत के लिए बनाया गया था। लेकिन इसमें चारों बड़ी घटियां बाद में लगाई गई थी। हर 15 मिनट में इन घटियों में अलग-अलग तरह के घंटे बजते थे, जोकि वर्तमान में बंद है।
नीचे रखी तोप सिरमौरी सेना की
लिटन मैमोरियल के ठीक नीचे एक तोप भी रखी गई है। अजय बहादुर सिंह बताते हैं कि पहले यह तोप सिरमौरी सेना की थी। जिसके बाद पुलिस लाइन रख दिया गया। तत्श्चात से दिल्ली गेट के नीचे रखा गया।