एमबीएम न्यूज़/नाहन
स्कूली बसों की बढ़ती दुर्घटनाओं के मध्यनजर उपायुक्त ललित जैन ने सिरमौर में कार्यरत सभी निजी स्कूल प्रबंधन समिति को निर्देश जारी करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेशो को कडाई से अनुपालना की जाए अन्यथा मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उपायुक्त ने निजी शिक्षण संस्थानों (जिन के पास अपने वाहन है) को निर्देश दिए कि स्कूल बस 15 वर्ष से अधिक पुरानी न हो और बस तकनीकी तौर पर फिट होनी चाहिए जिसके लिए प्राधिकृत परिवहन अधिकारी का प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना उत्पन्न न हो। इसके अतिरिक्त स्कूल बस में अनुभवी वाहन चालक को तैनात किया जाए जिनके पास पांच वर्ष का भारी वाहन चलाने का लाईसैंस एवं अनुभव हो। इसके अतिरिक्त वाहन चालक को वर्दी दी जाए जिसकी कमीज पर वाहन चालक के नाम की पटिटा होनी अनिवार्य है।
उन्होने कहा कि स्कूल बस के अन्दर सीसीटीवी कैमरे भी अनिवार्य रूप से स्थापित किए जाऐं जोकि क्रियाशील होने चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होने कहा कि स्कूल बस में स्पीड गर्वनर को अनिवार्य रूप से लगाया जाए जिस पर आईएसआई मार्क का चिन्ह होना चाहिए तथा बस की स्पीड 40 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। उपायुक्त ने निजी स्कूल प्रबंधन समिति को निर्देश दिए हैं कि इन दिनों सभी स्कूलों में अवकाश चल रहे है और जिन स्कूल में स्पीड गर्वनर, सीसीटीवी कैमरे इत्यादि नहीं लगे है वह तुरन्त लगवा दें और बसों को तकनीकी तौर पर ठीक करवा लें अन्यथा निर्धारित मापदण्डों की उल्लंघना करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ।
उपायुक्त ने जिला मे कार्यरत सभी एसडीएम और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सिरमौर को निर्देश दिए कि वह स्कूल बसों का औचक निरीक्षण करें और सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्ड पूरा न करने वाली स्कूल बसों के मालिकों के विरूद्ध मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। बहरहाल सवाल इस बात पर उठता है कि कब तक स्कूल बसों पर निगरानी की जाएगी।
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