शिलाई (अमित देसाई) : प्रदेश में हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। साथ ही किसानों की लाल सोना के नाम से जानी जाने वाली नगदी फसल टमाटर के खराब होने से करोडों का नुकसान हुआ है। किसानों के चेहरे मायूस हो गए हैं। तेज बारिश से पूरे साल की रोटी मिलने के बाद, अब किसान आसमान मे टकटकी लगाए बैठे हैं कि पूरे साल भर अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे।
जिला सिरमौर की अगर बात की जाए तो जिले में लगभग 15 करोड़ रुपए के टमाटर के खराब होने का अनुमान लगाया जा रहा है। नाहन व पांवटा के कुछ क्षेत्रों को छोड़ कर लगभग पूरे जिले में टमाटर की खेती की जाती है। पहाड़ी संरचना वाले दुर्गम क्षेत्र में टमाटर की खेती से ही किसान पूरे साल का खर्चा चलाते हैं। लेकिन लगाातार बारिश ने किसानों का पूरा लाल सोना मिट्टी में मिला दिया है।
तेज बारिश के कारण टमाटर के पौधे सूख गए हैं और दाने पूरी तरह से काले पड़ गए हैं। दानों के अंदर पानी भर गया है और कीड़ा भी लग गया है। जिला सिरमोर में बरसात का मौसम भौगोलिक स्थिति के अनुसार फसलों के लिए वरदान होता है क्योंकि क्षेत्र किसानों के पास फसलों की सिंचाई का कोई अन्य साधन नहीं है।
हैरानी इस बात की है कि किसानों को इतना भारी नुकसान हो गया है, लेकिन विभाग मामले में अभी तक आंखें मूंदे बैठा है। प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की कैसे भरपाई होगी, किसान अब इसी सोच में डूबे हैं। गिरीपार क्षेत्र का कफोटा, टिंबी, पाब मानल, शिलाई, रोनहाट, नैनीधार, हरिपुरधार, नौहराधार, संगड़ाह, राजगढ़ जाखना बकरास, इन क्षेत्रों में 70 प्रतिशत फसल मिट्टी में मिल गई है। इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा टमाटर को नुकसान हुआ है।
किसानों में बस्ती राम, सुंदर सिह, कपिल सिंह, रण सिंह, चमेल सिंह अतर सिंह, कल्याण सिंह, राजुराम, खजान सिंह, गुमान सिंह, सुरेश कुमार, मदन सिंह, कुन्दन सिंह, दलीप सिंह, संतराम, अनिल कुमार, लायक राम, अतर सिंह, रतन सिंह, संतराम, राजू राम, चंदन सिंह, विशन सिंह, अतर सिंह, अमर सिंह व रामभज आदि ने बताया कि इस बार बरसात के लगातार होने के कारण टमाटर की पूरी फसल खराब हो चुकी है।
फसल के खराब होने के बाद अब उन्हें पूरा साल अपने परिवार के पालन-पोषण की चिंता होने लगी है। उन्होंने बताया कि टमाटर पूरा काला पड़ गया है। टमाटर के पौधे बारिश में गल गए हैं, जो बचे हैं, वह सूख गए हैं। इस बार मंडी मे लाल सोने के अच्छे रेट भी उन्हें मिल रहे थे, लेकिन अब सब मिट्टी में मिल गया है। उन्होंने बताया कि किसानों ने विभाग का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन वहा से भी कोई आश्वासन नहीं मिला है और न ही विभाग टमाटर की फसल पर मुआवजा दे रहा है।
उधर इस संबंध में कृषि विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. किशोरी लाल ने बताया कि टमाटर की फसल पर किसानों को किसी प्रकार के कोई मुआवजे का प्रावधान नहीं है और न ही विभाग किसानों को कुछ आर्थिक सहायता कर सकता है। उन्होंने बताया कि टमाटर फसल के खराब होने की शिकायतें जैसे ही आती रही, वह उसके लिए समय-समय पर दवाईया देते रहें, लेकिन ज्यादा बारिश के होने से दवाईयो को कोई फायदा नहीं हुआ।