रेणु कश्यप/नाहन
पिछडे़ जिला का तमगा दामन पर लगाने वाले सिरमौर को अब होनहार युवा तेजी से आगे ले जा रहे हैं। एक जमाने में प्रदेश की राजधानी में सिरमौरियों की पहचान रस्सी से होती थी, क्योंकि रोजी-रोटी की तलाश में मेहनतकश सिरमौर वाले कुली का काम करने से भी गुरेज नहीं करते थे। लेकिन अब वक्त बदल रहा है। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह के दिक्षांत समारोह की पासिंग आउट परेड में तीन बेटों ने सब इंस्पेक्टर बनने का गौरव हासिल किया है। खास बात यह है कि 15 में से तीन सिरमौरी थे। एक महिला सब इंस्पेक्टर भी बनी है।
इस पासिंग आउट परेड में सबसे अधिक पांच सब इंस्पेक्टर चंबा जिला ने दिए हैं। इसके बाद सिरमौर का स्थान है। दोनों ही पिछडे़ जिला माने जाते रहे हैं। सिरमौर के अनिल कुमार व अजेश कुमार की कामयाबी में रोचकता भी है। दोनों ही दोस्त द ग्रेट खली के पैतृक क्षेत्र नैनीधार से संबंध रखते हैं। साथ ही दोनों ने बचपन से पढ़ाई भी साथ-साथ ही की है। फर्क इतना था कि अनिल कुमार ने नाहन कॉलेज से साईंस की पढ़ाई की तो अजेश कुमार ने आर्टस में ग्रैजुएशन पूरी की। दोनों दोस्तों के परिवार खेती-बाड़ी पर ही निर्भर करते हैं।
25 साल की उम्र में जयंत….
बीटेक की पढ़ाई कर चुके जयंत करुण गौतम ने सफलतापूर्वक एक साल की ट्रेनिंग पूरी की है। सब इंस्पेक्टर के पद पर अपना प्रोबेशन पीरियड कांगड़ा जिला से शुरू करने जा रहे हैं। बगैर कोचिंग के परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके जयंत करुण गौतम मूलतः पच्छाद की बागपषोग पंचायत के रहने वाले हैं। उनका अंतिम लक्ष्य आईपीएस बनने का है। चूंकि शिक्षित युवक थे, लिहाजा पंचायतवासियों ने उन्हें उप प्रधान की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। बीटेक की पढ़ाई करने के बाद कॉर्पोरेट सेक्टर में मोटी तनख्वाह भी हासिल कर सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया। पिता श्याम गौतम बीडीसी के चेयरमैन रह चुके हैं तो मां सत्या गौतम गृहणी हैं।
सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार…
रेसलर द ग्रेट खली के गांव के रहने वाले अनिल कुमार के परिवार का बेटे के सब इंस्पेक्टर बनने से सपना साकार हुआ है। एक फरवरी 1992 को जन्मे अनिल कुमार के पिता मोहन सिंह जमींदारी करते हैं। साधारण युवक ने प्रारंभिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद नाहन कॉलेज से ग्रैजुएशन की पढ़ाई नॉन मेडिकल में की। 13 नवंबर 2017 को पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में सब इंस्पेक्टर के पद की ट्रेनिंग शुरू हुई थी। बेटे की पासिंग आउट परेड के बाद घर पर मां दीपो देवी भी खुशी से फूले नहीं समा रही। परिवार को बधाईयों का तांता लगा हुआ है। सनद रहे कि खली व अनिल कुमार के घर की दूरी चंद मीटर ही है। विशेष बातचीत के दौरान अनिल का कहना था कि माता-पिता के आशीर्वाद व कड़ी मेहनत के बाद सफलता मिली है। उनका कहना था कि दोनों ही दोस्त एक साथ सब इंस्पेक्टर बने हैं। सनद रहे कि प्रोबेशन पीरियड की शुरूआत अनिल को मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी से करनी है।
सब इंस्पेक्टर अजेश कुमार….
नैनीधार से चंद किलोमीटर की दूरी पर लोजा पंचायत के देवथल गांव के रहने वाले अजेश कुमार का ताल्लुक एक साधारण किसान परिवार से है। बातचीत में भी सादगी से परिपूर्ण रहने वाले अजेश कुमार का जन्म 30 सितंबर 1992 को मदन शर्मा व कमला देवी के घर पर हुआ। अनिल के साथ मिलकर अजेश ने भी बचपन से ही एक पुलिस अधिकारी बनने का सपना संजो लिया था। बचपन से ही पढ़ाई भी एक साथ करते थे। विशेष बातचीत के दौरान अजेश का कहना था कि वो परिवार व विभाग की कसौटी पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। दो छोटे बहन-भाई भी होनहार हैं। सनद रहे कि अजेष कुमार को भी अनिल की तरह ही आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा था, क्योंकि शुरूआती चरण में परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। सरकारी नौकरी हासिल करने वाले अजेश भी परिवार में पहले हैं।
सब इंस्पेक्टर अजेश कुमार को प्रोबेशनल पीरियड के लिए जिला हमीरपुर आबंटित हुआ है।
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले भी सिरमौर की तीन बेटियों गरिमा,कविता व सुषमा ने एक साथ सब इंस्पेक्टर बनकर सफलता पाई थी।
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