एमबीएम न्यूज़/धर्मशाला
प्रदेश के सबसे बड़े जिला “कांगड़ा” में डीसी के पद पर तैनात आईएएस अधिकारी संदीप कुमार ने एक अनुकरणीय मिसाल पेश की है। आपातकालीन स्थिति में एक मरीज को जब रक्त की आवश्यकता पड़ी, तो डीसी साहब तमाम कार्यों को छोड़कर अस्पताल में रक्तदान करने पहुंच गए। संभवत: इस तरह के उदाहरण पहले भी अधिकारियों ने दिए होंगे। लेकिन इतना तय है कि इस तरह की मिसाल अधिकारियों के स्तर पर बेहद दुर्लभ होती है।
रोचक बात यह है कि राजनीतिज्ञ व शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी अक्सर रक्तदान व बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अलावा स्वच्छता पर मंच से लंबे भाषण देते हैं। लेकिन शायद ही कोई अपने शब्दों को असलियत में ढाल कर दिखाता होगा। सोशल मीडिया के जमाने में साहब की अनुकरणीय मिसाल भी छिपी नहीं रह सकी। हालांकि अपने स्तर पर उपायुक्त संदीप कुमार ने ब्लड डोनेट करने को लेकर कोई पोस्ट नहीं की। मगर पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने इसे शेयर किया।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क शुरू से ही मोटिवेशनल पत्रकारिता में विश्वास करता रहा है। लिहाजा एक आईएएस अधिकारी की इस तरह की सोच को भी पाठकों से सांझा किया जा रहा है। जुटाई गई जानकारी के मुताबिक टांडा मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन किसी मरीज को 5 से 6 यूनिट ए पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता पड़ गई। कांगड़ा सेवियर ग्रुप मदद के लिए आ गया है, क्योंकि डीसी साहब का भी ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है, तो कांगड़ा सेवियर ग्रुप ने डीसी साहब से ब्लड डोनेट करने की गुहार लगाई।
साहब ने तुरंत सारी व्यवस्थाओं को छोड़कर धर्मशाला अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया। वह यह भी नहीं जानते थे कि किस रोगी को उनका रक्त दिया जाना है। उपायुक्त की असाधारण मिसाल से हर एक अधिकारी को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। अगर गौर किया जाए तो प्रदेश के अधिकतर ब्लड बैंक में खून की कमी हमेशा बनी रहती है। चिकित्सकों की मानें तो नियमित तौर पर 3 महीने में रक्तदान करने से अपना शरीर भी स्वस्थ रहता है।
खुद क्या बोले डीसी….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि पहले भी 8 मर्तबा रक्तदान किया है। लेकिन यह पहला मौका था, जब आपातकालीन स्थिति में ब्लड डोनेट किया हो। मूलतः हमीरपुर के नादौन के रहने वाले संदीप कुमार संदीप कुमार 2010 के आईएएस अधिकारी हैं। बतौर उपायुक्त पहली बार कांगड़ा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान एक महादान हैं। हरेक व्यक्ति को इसके लिए आगे आना चाहिए।
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