वी कुमार/मंडी
मंडी जिला की सदर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाली ग्राम पंचायत पंडोह के दलित बाहुल्य गांव धड़ोल की सड़क का मामला एक बार फिर से डीसी मंडी के दरबार में पहुंचा है। डीसी से मिलकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि स्वर्ण जाति के लोगों ने उनके गांव तक जाने वाली सड़क को बीच में ही रोक दिया है जिस कारण ग्रामीणों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। बता दें कि ग्रामीणों ने इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के समक्ष भी उठाया था। डीसी मंडी को वहां पर जाकर जवाब देना पड़ा था, लेकिन बावजूद इसके अभी तक इस सड़क की समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं हो सका है। धड़ोल गांव से होकर जाने वाली सड़क तवाराफी से जरल तक बनाई गई है। 5 किलोमीटर लंबी यह सड़क अपने दोनों छोरों से शुरू तो हो जाती है।
मगर धड़ोल गांव तक नहीं पहुंच पाती। तवाराफी की तरफ से जो सड़क बनी है वह खनिरली गांव के पास रोक दी गई है जबकि जरल की तरफ से बनी सड़क सकरैणी गांव से आगे बह गई है। कुछ वर्ष पहले तक धड़ोल गांव के लोगों को सड़क सुविधा का पूरा लाभ मिलता रहा, मगर पंचायत चुनावों में इस गांव के लोगों ने स्वर्ण जाति के उम्मीदवार का समर्थन न करके अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा। उसके बाद खनिरली गांव से आगे सड़क को रोक दिया गया। प्रशासन इसलिए यहां पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा क्योंकि खनिरली गांव में लोगों ने मौखिक तौर पर सड़क के लिए अपनी नीजि भूमि दी थी। जिस पर अब दोबारा से कब्जा कर लिया गया है।
इसके लिखित हल्फनामे विभाग ने नहीं लिए जिस कारण यह समस्या आज उत्पन्न हुई है। वहीं दूसरी तरफ जरल से आने वाली सड़क बरसात में बह गई जिसकी मुरम्मत में काफी पैसा और समय लगना है। अब ऐसे में दलित बस्ती के लोगों को सड़क सुविधा से महरूम रहना पड़ रहा है। गांव निवासी बालक राम ने बताया कि सड़क सुविधा न होने के कारण बीमारी की हालत में मरीजों को कंधे पर उठाकर ले जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि डीसी मंडी ने तहसीलदार को मौके पर जाकर आवश्यक कार्रवाही के आदेश दिए हैं। जरल की तरफ से गांव के लिए जा रही सड़क की मुरम्मत के लिए पैसा देने का भरोसा दिलाया है।