एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव महत्वपूर्ण होते हैं। मतदाता अपना निर्णय देते हैं जो सबको स्वीकार्य होता है। चुनाव जीतना या हारना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो मतदाताओं के हाथ में होती है। कुछ लोग चुनाव जीत कर भी घर बैठ जाते हैं और कुछ लोग चुनाव हार कर भी जनता से संपर्क बनाए रखते हैं और जनता के बीच ही रहते हैं। गत दिनों पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हमीरपुर दौरे पर थे तो उन्होंने कुछ टिप्पणियाँ भी की हैं। जो दर्शाती हैं कि वह अपने पद और आयु के बावजूद अपने स्तर से उठ नहीं पाते और हल्की टिप्पणियां करने का स्वभाव उनका पीछा अब भी नहीं छोड़ता, चाहे वह अपनी पार्टी के नेतृत्व पर बात करें या फिर किसी और के बारे में।
प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे बारे में उन्होंने जो टिपण्णी की है उसको करते वक्त उनका ध्यान अपने घर की ओर क्यों नहीं गया। वहां भी तो कोई चुनाव हार कर घर बैठे हैं। उनके पास कौन बैठता होगा या बैठेगा या उनका उपदेश केवल दूसरों के लिए ही होता है। अपने घर का भी ख्याल रखें। उन्हें इतना ही कहना चाहूँगा कि शीशे के महलों में रहने वाले दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकते। कुछ लोग अपनी टोपी दूसरों के पैरों में समय अनुसार रखकर या कहीं रोकर अपनी राजनीति चलाते हैं उनकी जीत भी हार से बुरी होती है। पर शायद ऐसे लोगों में आत्म सम्मान से ज्यादा महत्व राजनीतिक लाभ उठाने का रहता है।