वी कुमार/मंडी
गांव के जिन कुत्तों को हम आवारा समझ कर भगा देते हैं वो मुसीबत के वक्त इंसान के मददगार साबित होते हैं। इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिला जिला की चौहारघाटी के शिल्हबुधाणी गांव में। यहां जंगल में घास काटने गई गुड्डी देवी को गांव के ही कुत्तों ने भालू से बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
मिली जानकारी के अनुसार गुड्डी देवी अपने भाई के साथ जंगल में घास काटने गई हुई थी। भाई घास लेकर वापिस घर की तरफ आ गया। जंगल में अकेले घास काट रही महिला पर यहां से अपने बच्चों संग गुजर रही मादा भालू ने हमला बोल दिया। मादा भालू ने गुड्डी देवी के सिर, पांव और हाथ पर गहरे जख्म कर दिए। हालांकि गुड्डी देवी के हाथ में दराटी थी,लेकिन वो भालू के हमले से इतना घबरा गई कि बचाव में कुछ भी नहीं कर पाई। इतने में यहां घूम रहे गांव के कुत्तों ने भालू को देखकर भौंकना शुरू कर उस पर हमला करने की कोशिश की। मादा भालू को भी अपने बच्चो पर कुत्तो के हमले का आभास हो गया।
कुत्तों के भौंकने से मादा भालू के बच्चे घबरा कर वहां से भागने लगे। अपने बच्चों को जाता देख मादा भालू ने भी वहां से जाना ही बेहतर समझा। घायल अवस्था में महिला को पधर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद मंडी रैफर कर दिया गया है। यहां सर्जिकल वार्ड में महिला का उपचार जारी है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।