एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
वर्ष 2003 में सरकार ने नई पेंशन स्कीम लागू की थी। जिसके बाद से ही इसमें व्यापक खामियों को लेकर आवाजें मुखर होना शुरू हो गई थी। क्योंकि इस वर्ग के कर्मचारियों ने इसे अपने अधिकारों का हनन करार दिया था। अब इस वर्ग के कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई करने की ठानी है। अगर सरकार पुरानी पेंशन को बहाल करती है। तो देश के 60 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। नई पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले पूरे भारतवर्ष के लगभग सभी सरकारी विभागों में कार्यरत 60 लाख कर्मचारियों ने मुखालफत करना शुरू कर दी है। यह बात एनपीएस कर्मचारी एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के मुख्य सलाहकार राजेंद्र कुमार स्वदेशी ने दिए गए एक ब्यान में कही।
उन्होंने कहा कि इस वर्ग के कर्मचारियों ने भारत सरकार को चेतावनी दी है कि करीब 15 वर्ष पूर्व लागू की गई नई पेंशन स्कीम को बंद करके पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किया जाए। इसी अहम मुद्दे को लेकर इस वर्ग के कर्मचारियों ने 28 अक्टूबर को देशव्यापी समस्त सांसदों के घर पर भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में 25 जुलाई को शिमला व 30 अप्रैल को दिल्ली के रामलीला मैदान में भी एक बड़ी रैली की थी। फिर अन्य राज्यों में लगातार कड़ी दर कड़ी होते गए इस प्रकार पंजाब में, हरियाणा में, राजस्थान में, दिल्ली में, उत्तर प्रदेश में, कर्नाटका में और महाराष्ट्र में किए। लेकिन ना केन्द्र सरकार ना ही राज्यों सरकारों ने इस अहम मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई।
क्या है नई पेंशन स्कीम…
नई पेंशन स्कीम के तहत देश के लाखों कर्मचारियों के मूल वेतन का 10 प्रतिशत हिस्सा काटकर पेंशन फंड में जमा कर दिया जाता है और इतना ही हिस्सा सरकारें डालती हैँ। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति तक जो राशि जमा होती है। उसका अधिकतम 60 प्रतिशत हिस्सा ही कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय निकाल सकता है। शेष 40 प्रतिशत की राशि को शेयर बाजार में लगा दिया जाता है। जो उस पर ब्याज या लाभ प्राप्त होता है। उसी को कर्मचारी को पेंशन के रूप में दी जाती है। तथा 60 प्रतिशत हिस्सा जो मिलता है। उस पर टैक्स भी लगता है।
पेंशन की खामियां…
अंंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार सरकार या रोजगार देने वाले की तरफ से पेंशन कोई अहसान नहीं है। बल्कि यह वेतन का ही हिस्सा है जो कर्मचारी को सेवाकाल के दौरान नहीं दिया गया है। मगर नई पेंशन स्कीम में खामियों की भरमार है। नई पेंशन नीति के तहत पुरानी पेंशन प्रणाली की तुलना में 4 गुणा से अधिक वेतन की कटौती होगी। जिसके रिटर्न की गारंटी नहीं होगी। इस स्कीम में कर्मचारियों को जीपीएफ की सुविधा व ग्रेज्युटी के लाभ से वंचित किया गया है। संयुक्त ब्यान में बताया गया कि इस महा भूख हड़ताल में समस्त कर्मचारी भाग लेंगे।
शिक्षा विभाग, सिंचाई विभाग, पशुपालन विभाग, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, हिमाचल पथ परिवहन, तकनीकी शिक्षा विभाग इत्यादि सम्मिलित होंगे। इस मौके पर विक्रम सिंह राणा, राकेश कुमार प्रधान एनपीएस कर्मचारी एसोसिएशन हमीरपुर, संजीव कुमार ब्लॉक प्रधान हमीरपुर, रमन कुमार ब्लॉक प्रधान नादौन, राजेश कुमार ब्लॉक प्रधान बिझडी, सुरेंदर पटियाल जिला महासचिव, किशोर धीमान अध्यक्ष मौजूद रहे।