जोगिंद्रनगर (ओमप्रकाश चौहान) : जोगिंद्रनगर शहर का कूड़ा-कर्कट मच्छयाल जैसे पवित्र तीर्थस्थल को भी दूषित करता है। साथ ही यह कूड़ा-कर्कट पानी में मिलकर मवेशियों के हलक में भी उतरता है। शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के चलते अब यह नया सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि नगर पंचायत अपनी नई डंपिंग साइट बनाने में जुटी हुई है।
नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था को सुचारू रखने की गर्ज से नगर पंचायत ने कूड़ादान के बाहर गंदगी फैलाने वालों पर तीसरी आंख का पहरा बिठाया है, ताकि वह शहरी पकड़ में आ सके, जो कूड़ादान के बाहर कूड़ा फैंकते हैं और सफाई में बाधा डालते हैं। हालांकि शहर में पर्याप्त डस्टबिन की व्यवस्था नहीं है, फिर भी लोगों को कूड़ेदान का प्रयोग करने बारे जागरूक किया जा रहा है और न करने वालों के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। नगर पंचायत का यह बेहतर प्रबंधन तो है लेकिन लोगों को भला कौन समझाए। जिस तरह नगर पंचायत अपने कूड़े का डंप वन क्षेत्र में करती है, उसी तरह लोगों ने अब गुगली खड्ड में कूड़ा फैंकना शुरू कर दिया है। पुल के नीचे व किनारों पर फैंका जा रहा कूड़ा जहां पानी में मिलकर मच्छयाल जैसे पवित्र स्थल तक पहुंचता है, वहीं मच्छयाल तक पहुंचने से पहले अनेक स्थानों पर पानी मवेशियों के प्रयोग में लाया जाता है। यह कूड़ा पानी को प्रदूषित भी करता है।
बडौण के समीप नगर पंचायत की नई डंपिंग साइट का निर्माण भी पाइप लाइन में है। प्रक्रिया चल रही है ताकि शहर का कूड़ा आदि डंपिंग साइट में जाए और शहर की सुंदरता को चार चांद लगें।