एमबीएम न्यूज़ /कुल्लू
वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि शिमला शहर में उत्पात मचा रहे बन्दरों से जल्द लोगों को छुटकारा मिलेगा । उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जयराम ठाकुर जी के दूरदर्शी नेतृत्व में किसानों, बागवानों तथा आम जनता के हितों तथा सुरक्षा के प्रति न केवल संवेदनशील है अपितु इस दिशा में कार्य भी कर रही है जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में लोगों को राहत मिलना प्रारम्भ हुआ है ।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद राज्य वन्य प्राणी विभाग ने शिमला शहर सहित अन्य सभी स्थानों में जंगली जानवरों तथा बन्दरों के उत्पातों से निजात पाने के लिए कार्य योजना तैयार की जिसके तहत शिमला शहर में बन्दरों को पकड़ने तथा नसबंदी के लिए 14 जुलाई, 2018 को बैठक कर चार दलों का गठन किया गया था, जिन्होंने शिमला शहर के बन्दरों की गणना, व्यवहार तथा खान- पान की आदतों का अध्ययन करना था । इस दल ने शहर के 34 वार्डों में सुबह पांच बजे बन्दरों के व्यवहार का अवलोकन करना प्रारम्भ किया तथा 15 सितम्बर 2018 तक शहर के 31 वार्डों में 1700 से अधिक बन्दरों की संख्या दर्ज की गई ।
वन विभाग के दल ने पाया कि बन्दर अपने भोजन के लिए शहर के कुडेदानों पर निर्भर है, तक़रीबन 90 प्रतिशत भोजन ये कूड़ेदानों से प्राप्त करते हैं जिसके लिए शहर वासियों से निवेदन है कि घरों से बचा हुआ खाना कूड़ेदानों में न फैंके जिससे बन्दर अपने प्राकृतिक आवासों की ओर फिर से जाना प्रारम्भ करेंगे। वन मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश का वन्य प्राणी विभाग शिमला में बन्दर पकड़ने वाले तीन दलों के साथ कार्य कर रहा है, जिन्होंने अभी तक करीब 250 बन्दरों को पकड कर नसबन्दी केन्द्रों तक पहुंचा दिया है । शिमला तथा आसपास के क्षेत्रों में एक बन्दर अभ्यारण्य स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है जिससेनसबन्दी के उपरान्त बन्दरों को इस अभ्यारण्य में पुनर्वासित कर सकें ।