एमबीएम न्यूज़/नाहन
एक और जहां सरकार स्वास्थ्य संबंधी बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जनता प्राथमिक उपचार की सुविधा से भी वंचित है। यही हाल नाहन-शिमला हाईवे पर बसे नैनाटिक्कर कस्बे का है। जहां सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो खोल दिया था। मगर एक दंत चिकित्सक के अलावा यहां ना तो कोई स्टाफ तैनात है, ना ही कोई प्रशिक्षित डॉक्टर।
आलम यह है कि नेशनल हाईवे पर बसा होने से प्रतिदिन कोई ना कोई दुर्घटना घटती रहती है। परंतु प्राथमिक उपचार के लिए भी या तो 18 किलोमीटर का सफर तय कर सराहां जाना पड़ता है। 25 किलोमीटर दूर एमएमयू सुल्तानपुर का रुख करना पड़ता है। जिसमें जनता का धन तो व्यय होता ही है अपितु समय भी बर्बाद होता है।
गौर हो कि 12 जून 2017 को कांग्रेस नेता गंगू राम मुसाफिर ने पीएचसी भवन का लगभग साठ लाख की लागत से लोकार्पण किया था। उसके पश्चात 2018 विधानसभा चुनाव में भी नैना टिक्कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मुद्दा बनाकर स्थानीय जनता के वोट बटोरे गए। परंतु अभी तक ना तो इस पीएचसी में एक अदद एमबीबीएस डॉक्टर तक नहीं।
स्थानीय जनता हितेंद्र सिंह ठाकुर, विकास, महेंद्र , विनय शर्मा, अमन गुप्ता ,सचिन गुप्ता, सौरभ, प्रकाश, नरेश इत्यादि का कहना है कि कई बार स्थानीय विधायक सुरेश कश्यप के सामने यह समस्या रखी जा चुकी है परंतु अभी तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। वही इस विषय पर जब नहान स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शुरू से ही नैना टिक्कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दंत चिकित्सक की ही पोस्ट है जो कि शुरू से ही भरी हुई है।
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