एमबीएम न्यूज/नाहन
प्रदेश की राजनीति में पच्छाद विधानसभा क्षेत्र खास अहमियत रखता है। कांग्रेस के शीर्ष नेता गंगूराम मुसाफिर का गृह क्षेत्र तो है ही, साथ ही बीजेपी के दो शीर्ष नेताओं बलदेव भंडारी व चंद्रमोहन ठाकुर का घर भी है। एक कहावत भी है कि ‘दाना खाद में ओर नेता पच्छाद’ में। सराहां बीडीसी की सत्ता को कब्जाने में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। चेयरपर्सन व उपाध्यक्ष के पद पर उषा तोमर व खुशी राम काबिज थे।
बीजेपी ने 8 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। 15 सितंबर को 8-7 के स्कोर से कांग्रेस की उषा तोमर व खुशी राम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित भी हो गया। बुधवार को चुनाव निर्धारित हुआ था। इसके लिए बीजेपी की कमलेश व राजेश ने क्रमश: चेयरपर्सन व उपाध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस ने उषा तोमर व खुशी राम पर ही दांव खेला। हर कोई उस वक्त भौचक्का रह गया, जब नतीजा घोषित हुआ। इसमें कांग्रेस प्रत्याशियों को 8 मत हासिल हुए, जबकि बीजेपी प्रत्याशियों को 7 मतों पर संतोष करना पड़ा।
साफ हो गया कि एक सदस्य ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी को मुंह की खाने पर विवश कर दिया। उधर कांग्रेस का कहना है कि चुनाव की पूरी प्रक्रिया के दौरान विधायक सुरेश कश्यप व बीजेपी के शीर्ष नेता बलदेव भंडारी बीडीओ कार्यालय में ही मौजूद थे। कुल मिलाकर बीडीसी से कांग्रेस को पदच्युत करने का घटनाक्रम काफी रोचक रहा। अमूमन सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ताधारी राजनीतिक दल आसानी से पंचायतीराज संस्थाओं के अलावा शहरी निकायों पर कब्जा जमा लेता है, लेकिन सराहां में ऐसा नहीं हुआ।
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