एमबीएम न्यूज़/शिमला
तीन महीने से अधिक समय तक सक्रिय रहा मानसून प्रदेश से विदा ही गया है। मौसम विभाग ने सोमवार दोपहर इसकी औपचारिक घोषणा कर दी। इस साल प्रदेश भर में औसत से 11 फीसदी अधिक बारिश हुई। ऊना जिले में मानसून की सामान्य से 59 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई। तीन जिलों चम्बा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में मानसून की सामान्य से कम बारिश हुई। लाहौल स्पीति में सामान्य से 43 फीसदी कम, चंबा में 38 फीसदी कम और किन्नौर में 32 फीसदी कम बारिश रही।
सिरमौर ज़िले में मानसून की सामान्य वर्षा रिकॉर्ड हुई। वहीं कुल मिलाकर 8 जिलों में मानसून की औसत से अधिक बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 38 फीसदी अधिक, हमीरपुर में 29 फीसदी, कांगड़ा में 34 फीसदी, कुल्लु में 49 फीसदी, मंडी में 23 फीसदी, शिमला में 27 फीसदी और सोलन में 11 फीसदी बारिश हुई। जून के आखिरी सप्ताह में मानसून राज्य में सक्रिय हुआ था।
दिलचस्प यह रहा कि आठ साल बाद सूबे में मानसून की सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इससे पहले साल 2010 में मानसून की सामान्य से 13 फीसदी अधिक बरसात हुई थी। मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि इस बार मानसून की 917.4 मिलीमीटर बारिश हुई, जो कि सामान्य से 11 फीसदी अधिक है।