एमबीएम न्यूज/नाहन
ट्रांसगिरि के रिमोट क्षेत्रों के विकास कार्यों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि इसकी सुध लेने का वक्त न तो विभाग के अधिकारियों के पास ओर न ही नेताओं के पास होता है। मगर ग्रामीणों की जागरूकता रंग ला सकती है। निर्माणाधीन माशू-कांडो संपर्क मार्ग पर शनिवार को जमकर हंगामा हुआ, क्योंकि ठेकेदार द्वारा डंगे के निर्माण में रोड़ी व बजरी का इस्तेमाल करने की बजाय मिट्टी भरी जा रही थी। पूरा गांव इसका विरोध करने उतर आया।
अंतिम समाचार के मुताबिक करीब दो बजे के आसपास लोक निर्माण विभाग के जेई व एसडीओ ने मौके पर पहुंच कर लोगों को तो शांत करवा लिया, लेकिन कार्य दोबारा शुरू करने पर लोग राजी नहीं हुए। अब पांवटा साहिब से क्वालिटी कंट्रोल की टीम मौके पर पहुंच कर जायजा लेगी। घटिया सामग्री के इस्तेमाल के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में लोगों का गुस्सा तो फूट ही रहा है, साथ ही यह दिखाने की भी कोशिश की जा रही है कि कैसे मिट्टी को भरा जाता है।
दरअसल बीती रात टमाटर से लदी एक गाड़ी गहरी खाई में गिर गई। इसकी वजह सडक़ के बीच में मलबे का ढेर था। हादसे में कांडो के रहने वाले अर्जुन सिंह तो बाल-बाल बच गए, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। आरोप है कि बारिश की वजह से सडक़ में कई स्थानों पर मलबा पड़ा हुआ है। विभाग ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। टमाटर की फसल को लेकर क्षेत्र से हर रोज चार से पांच गाडिय़ां देहरादून व दिल्ली जाती हैं। सिरमौर के दुर्गम क्षेत्रों में सडक़ें भी बड़े हादसों की वजह बनती रही हैं।
सडक़ों के किनारे पैरापिट के निर्माण गाडिय़ों को खाई में लुढक़ने से रोकने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन माशू-कांडो मार्ग पर मिट्टी से ही इन पैरापिटस का निर्माण किया गया है। अब आप समझ सकते हैं कि कैसे दिखावे के लिए पैरापिट लगाए गए हैं। कुल मिलाकर सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाना होगा, ताकि मासूम जिंदगियां बेवजह ही न चली जाएं।