एमबीएम न्यूज/शिमला
जकार्ता के एशियन खेलों में हिमाचली भी खूब कमाल कर रहे हैं। हार-जीत तो खेलों का हिस्सा होती हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी होते हैं, जो हार कर भी दिल जीत लेते हैं। रोहडू की ज्योतिका दत्ता ने भी हार कर दिल जीता है।
तलवारबाजी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में एशियन रैंक नंबर-2 खिलाड़ी से हारी। इससे पहले ज्योतिका ने सात देशों के खिलाडिय़ों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। सीमित संसाधनों के बावजूद तलवारबाजी में इस मुकाम तक पहुंचना रोहडू की बाला के लिए आसान नहीं था। तलवारबाजी ऐसी स्पर्धा है, जिसमें संभवत: प्रदेश में सुविधाएं न के बराबर ही होंगी।
रोहडू के बंछूणा गांव की रहने वाली ज्योतिका के पिता स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं तो मां बिजली बोर्ड में सेवारत हंै। खास बात यह है कि राज्य को ही नहीं, बल्कि ज्योतिका ने देश को तलवारबाजी के हुनर से गौरवान्वित किया है। अब तक 19 मर्तबा विदेशी धरती पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी ज्योतिका का टारगेट ओलम्पिक मैडल है।
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