नाहन (रेणु कश्यप) : तो राज्य के करीब 50 साल पुराने नाहन कॉलेज को अब अपना भवन नसीब हो सकता है क्योंकि भारत सरकार के पर्यावरण व वन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून ने निर्माण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
शिक्षा विभाग ने नगर परिषद से बनोग में 31 बीघा भूमि 93 लाख रुपए में खरीदी थी। इसकी रजिस्टरी शिक्षा विभाग के नाम पर नवंबर-दिसंबर 2014 में हुई थी। निर्माण से पहले फोरेस्ट क्लीयरेंस जरूरी थी। 60 के दशक में नाहन कॉलेज उस भवन में शुरू किया गया था, जिसका इस्तेमाल रियासतकाल में घोड़े बांधने के लिए किया जाता था। कॉलेज भवन के निर्माण का मामला कई बार राजनीतिक तूल भी पकड़ चुका है।
पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले कॉलेज भवन का शिलान्यास फाउंडरी परिसर में किया गया। बाकायदा इसकी शिलान्यास पट्टिका भी लगाई गई, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही हैरीटेज भवन में इस निर्माण को नहीं करने का फैसला लिया गया।
पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन सीएम पीके धूमल द्वारा कॉलेज निर्माण की आधारशिला की ध्वस्त हुई पट्टिका(फाइल फोटो)अक्तूबर 2014 में फाऊंडरी परिसर में लगी शिलान्यास पट्टिका भी अज्ञात कारणों से ध्वस्त हो गई। कॉलेज स्थल को बदलने को लेकर कांग्रेस की भाजपा ने घेराबंदी भी की थी।
गौर करने वाली बात यह भी है कि सिरमौर में हरिपुरधार, संगड़ाह, शिलाई व पांवटा साहिब महाविद्यालयों को अपने भवन मिल चुके हैं। जबकि यह तमाम महाविद्यालय पिछले पांच सालों में ही वजूद में आए। कई बार कॉलेज भवन के निर्माण के लिए करोड़ों रुपए की राशि स्वीकृत भी हुई, लेकिन भूमि उपलब्ध न होने के कारण बजट को अन्य जिलों में भेज दिया गया।
शिलान्यास दोबारा होगा या नहीं
फोरैस्ट क्लीयरेंस की बड़ी अड़चन दूर हो गई है। अब सस्पेंस यह है कि मौजूदा कांग्रेस की सरकार पूर्व मुख्यमंत्री की उस शिलान्यास पटिटका को नए स्थान पर शिफ्ट करेगी या नहीं, जिसे फाऊंडरी परिसर में लगाया गया था। कांग्रेस नेता कंवर अजय बहादुर सिंह कह चुके हैं कि धूमल की शिलान्यास पट्टिका को पूरे सम्मान से निर्माण स्थल पर लगाया जाएगा। अब देखना यह है कि निर्माण कार्य का दोबारा शिलान्यास किया जाता है या नहीं।
‘‘डिग्री कॉलेज के भवन के निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया है। बनोग में चयनित 31 बीघा भूमि के लिए सैद्धांतिक तौर पर फोरैस्ट क्लीयरेंस मिल गई है। इसके अभाव में कार्य नहीं शुरू किया जा सकता था। निर्माण कार्य शुरू करने के बारे अन्य औपचारिकताओं को अविलंब पूरा करने के लिए संबंधित विभाग को उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डीपीआर तैयार की जाएगी। निर्माण पर 14 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है।’’
– बीसी बडालिया, डीसी सिरमौर