संजीव अवस्थी /नाहन
प्रदेश के लाखों लोग चूड़धार चोटी में लापता श्रुति की सलामती को लेकर दुआएं मांग रहे हैं। यह किसी को नहीं पता कि एक हफ्ता बीत जाने के बाद आज श्रुति किस हालात में है। कोटखाई की गुड़िया, जहां अपनी जान देकर हेल्पलाइन दे गई थी, वही श्रुति ने समाज को संगठित करने की मिसाल दी है।
बताते हैं कि इस तरह से संगठित होकर लापता बच्चों को तलाश करने के उदाहरण यूरोपीय देशों में सामने आते रहे हैं। लेकिन शायद प्रदेश में ही यह ऐसा पहला मौका होगा कि जब हजारों की संख्या में जनसमूह श्रुति को तलाश करने चूड़धार के जंगलों में खाक छानने लगा। यह सर्च ऑपरेशन इस कारण भी हटकर है, क्योंकि जिस जगह से बच्ची लापता हुई, वहां तक नौहराधार के बेस कैंप तक पहुंचने के लिए करीब 12 किलोमीटर की चढ़ाई पैदल चलनी पड़ती है।
एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क ने सबसे पहले इस मेगा सर्च ऑपरेशन के शुरू होने की खबर शुक्रवार रात को प्रकाशित की थी। इसके इलावा भी पैदल चलने के दौरान कई मुश्किलें सामने आती हैं। खुद को संभालना भी कई बार मुश्किल हो जाता है। वहीं लोग अपनी जान जोखिम में डालकर श्रुति की तलाश में लगे हुए हैं। यहां तक की रविवार को पूरा नौहराधार बाजार बंद रहा। कोटखाई की गुड़िया अपनी जान गवां कर अपनी उम्र की लड़कियों के साथ अन्य बेटियों की सुरक्षा के लिए एक हेल्पलाइन बना गई है।
गुड़िया को न्याय दिलाने के लिए हजारों लोग सड़कों पर उतरे, लेकिन यहां श्रुति को तलाश करने में मेगा सर्च ऑपरेशन ने हर किसी को अचंभित भी किया है। अमूमन आज की भागमभाग समय में किसी के पास इतना समय नहीं होता कि 2-3 दिन का वक्त सामाजिक सेवा के लिए निकाला जाए, लेकिन यहां ग्रामीणों ने एक मिसाल कायम की है। अब केवल श्रुति का कोई सुराग मिल जाने को लेकर लाखो आंखें भगवान शिरगुल की तरफ टकटकी नजरे लगाए बैठी हैं।
यहां नौहराधार पुलिस की सोच को भी सलाम करना होगा, जिन्होंने इस तरह के मेगा सर्च ऑपरेशन में सूत्रधार की भूमिका को निभाया। एमबीएम न्यूज नेटवर्क भी यह प्रार्थना करता है कि श्रुति जहां भी हो सलामत हो और वह जल्द ही अपने माता-पिता के पास लौट आएं।
क्यों खास है सर्च ऑपरेशन?
हालांकि इस अभियान का आह्वान नौहराधार पुलिस ने किया था, लेकिन धीरे-धीरे चोटी पर जाकर बच्ची क तलाशने की मुहिम का लोगो ने प्रचार शुरू कर दिया। महज एक दिन में ही सैंकड़ो लोग जाने को तैयार हो गए। खास बात है कि श्रुति की तलाश में निकले लोग अपने खाने व रहने की व्यवस्था भी खुद कर रहे है।
चोटी से बातचीत में स्वामी कमला नंद जी ने कहा कि वो बीस साल से चोटी पर है, लेकिन इस तरह का अभियान पहली बार देखा है। यह अलग बात है कि प्रदेश सरकार अब तक न तो हेलीकाप्टर भेज पाई न ही एनडीआरएफ की कोई टीम आई है।
क्या है पुलिस थ्यौरी…
मासूम श्रुति की तलाश में सर्च ऑपरेशन का नेतृत्व करने के मकसद से संगड़ाह के डीएसपी अनिल धौल्टा 6 दिन तक चूड़धार चोटी के तीसरी में ही डटे रहे। बीती देर शाम ही वापस लौटे हैं। पुलिस की थ्यौरी के मुताबिक सुबह 10 से 10:30 के बीच लापता हुई। परिवार के सदस्यों ने करीब डेढ़ घंटे आसपास ही तलाशा। 1:30 बजे के आसपास गुज्जरों को साथ लेकर घने जंगलों की तरफ रवाना हुए। 3 बजे के आसपास तीसरी ही लौट आए।
अब पुलिस की थ्यौरी यह कह रही है कि श्रुति पुलबाहल के रास्ते की तरफ आने की बजाय गलती से घने जंगल की तरफ उतर गई। क्योंकि तलाश में देरी हुई, लिहाजा वो चलती रही होगी। तीन बजे के बाद जंगल में जबरदस्त बारिश भी हुई। दुर्भाग्यवश बारिश, ठंड व भूख की चपेट में आ गई होगी। इसके बाद जंगली जानवरों के हमले की आशंका पुलिस की जांच कह रही है। 3 जुलाई को तेंदुए ने गुज्जरों के दो बकरों पर शाम 5:30 बजे के आसपास हमला किया था। जिनके अवशेष भी बरामद किए गए, जिनका मौके पर पोस्टमार्टम भी सर्च अभियान के दौरान किया गया।
पुलिस की तफ्तीश में यह भी पता चला है कि टॉफी लेेने के बाद जब बच्ची वर्षाशालिका की तरफ निकली तो दूसरे ढाबे वाला ब्रश कर रहा था, जिसने बच्ची को जाते हुए देखा। थ्यौरी के मुताबिक बच्ची महज 5 से 10 कदम की दूरी पर अपने माता-पिता से बिछड़ गई। पुलिस की जांच के मुताबिक श्रुति के पिता गुरदयाल सिंह अपने भाई दुर्गा सिंह के परिवार के साथ चूड़धार गया था, जिसमें श्रुति समेत चार बच्चे भी थे। श्रुति का डेढ़ साल का भाई तरुण भी साथ ही था।
Latest
- राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु 6 मई को केंद्रीय विवि के दीक्षांत समारोह में करेंगी शिरकत
- नाहन : बनोग में डिग्री कॉलेज के समीप जंगल में भड़की आग, काबू पाने का प्रयास जारी
- ऊना : स्टोन क्रशर उद्योग के कार्यालय में लाखों की चोरी, कर्मचारियों पर संदेह
- राजगढ़ : गिरी नदी में डूबा चंडीगढ़ का युवक, दोस्तों संग आया था घूमने
- YouTube से अश्लील वीडियो डिलीट करवाने की आड़ में बजुर्ग से लाखों की ठगी