वी कुमार /मंडी
आपने कई तरह की बीमारियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। लेकिन जिस बीमारी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, उसे सुनकर आपको शायद थोड़ा अजीब लगे। यह बीमारी खुद को चोटिल करने की है। शायद आप यकीन न करें लेकिन मंडी शहर का एक युवक इस गंभीर बीमारी से ग्रसित है। परिवार की विडंबना यह है कि उन्हें बेटे के उपचार के लिए किसी की मदद नहीं मिल पा रही है। शहर के समखेतर वार्ड में रहने वाला 16 वर्षीय पीयूष कुमार न तो किसी से बात करता है और न ही किसी को कोई नुकसान पहुंचाता है।
पीयूष को न तो शौच करने का पता है और न ही खाना खाने की होश। दिमाग में बस एक ही बात घूमती रहती है, कि खुद को चोटिल कैसे किया जाए। पीयूष हर समय खुद को मारता रहता है। मार-मारकर इसने अपने शरीर पर जख्म बना दिए हैं। पीयूष के 66 वर्षीय बुजुर्ग पिता दिनेश कुमार बताते हैं, कि जब पीयूष मात्र डेढ़ महीने का था तो उसे दिमागी बुखार हो गया था। उसके बाद पीयूष कभी ठीक नहीं हुआ। समय के साथ पीयूष बढ़ा हो गया और खुद को चोटिल करने लग गया। पिता ने मंडी, शिमला, चंडीगढ़ और दिल्ली तक जाकर अपने बेटे का उपचार करवाया, लेकिन कोई भी डॉक्टर सही मर्ज को नहीं पकड़ पाया। दिनेश कुमार बताते हैं, कि जिस भी डॉक्टर के पास गए उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि यह उनका विषय नहीं है।
साथ में समस्या यह भी है कि पीयूष को उपचार के लिए कहीं ले जाना अब काफी मुश्किल हो गया है। क्योंकि यह एक जगह नहीं बैठता और खुद को चोटिल करता रहता है। जब इसको ज्यादा गुस्सा आ जाता है तो वो जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देता है, जिससे परिवार के सदस्य भी डर जाते हैं। अब ऐसे में बुजुर्ग पिता अपने बेटे को कहां लेकर जाए इसका कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। दिनेश कुमार अपने बेटे के ईलाज में अपना सब कुछ दाव पर लगा चुके हैं। निजी कारोबार करने वाले दिनेश कुमार के पास अब इतना सामर्थ्य नहीं बचा, कि वो अपने बेटे का उपचार करवा सके।
इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और प्रधानमंत्री तक को मदद के लिए पत्र लिखे। कुछ पत्रों के तो जवाब भी नहीं आए लेकिन जहां से जवाब आए वहां से आश्वासन ही मिले। जमीनी स्तर पर आज दिन तक कोई सहायता नहीं हो सकी। अब थक हारने के बाद दिनेश कुमार ने मीडिया को अपनी बात पहुंचाने का माध्यम बनाया तथा मदद की गुहार लगाई है। स्वास्थ्य विभाग ने पीयूष का मैंटली इल्लनेस का सर्टिफिकेट बनाकर दे दिया है। इस सर्टिफिकेट के आधार पर पीयूष को पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं तो मिल रही हैं, लेकिन वो डॉक्टर नहीं मिल पा रहा जो मर्ज को सही ढंग से पकड़ कर उपचार दे सके। दिनेश कुमार ने अपील की है कि यदि किसी की नजर में बेहतर उपचार करने वाला डॉक्टर हो या फिर कोई इनकी मदद करना चाहे तो वो 09418113447 पर संपर्क कर सकता है।
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