श्री रेणुका जी (एमबीएम न्यूज) : ददाहू बस स्टैंड के शौचालय में शिशु को जन्म देने के बाद बाहर फैंकने की घटना पर से पूरा रहस्य शुक्रवार तक खुलेगा, लेकिन प्रारंभिक छानबीन व मैडीकल रिपोर्ट में कुछ तथ्य सामने आ गए हैं। आईजीएमसी शिमला में मंगलवार को नवजात शिशु का पोस्टमार्टम हुआ।
हालांकि रिपोर्ट शुक्रवार को मिलेगी, लेकिन यह संकेत मिले हैं कि 5 से 6 महीने का भ्रूण था। जन्म से पहले ही शिशु की मौत हो चुकी थी। साथ ही यह भी साफ हो गया है कि जिस युवती की शिनाख्त की गई थी, वही शौचालय में एक महिला के साथ गई थी। अब भी इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है कि महिला का गर्भपात हुआ था या नहीं या फिर उसने शिशु को मरने के लिए विवश कर दिया।
यह मामला बेहद पेचीदा हो गया है क्योंकि तस्वीरें इस बात को बयां कर रही है कि शिशु 5 से 6 महीने का नहीं हो सकता। जबकि मेडीकल विज्ञान कह रहा है कि 5 से 6 महीने का भ्रूण था। पूरी बात मेडीकल रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी। सरेआम सार्वजनिक स्थल के शौचालय में गर्भपात करवाना या फिर डिलीवरी होने की वारदात ने सनसनी फैला दी थी।
क्या है आईपीसी 318 में?
आईपीसी की इस धारा में गर्भपात व प्रसूति को छिपाना भी जुर्म है। सूत्रों का कहना है कि अगर यह साबित होता है कि भ्रूण को फैंका गया तो भी यह जुर्म है क्योंकि इस घटना में डॉक्टरों से उपचार नहीं करवाया गया।
18 से 19 साल की उस युवती की अपनी जान भी जोखिम में डल सकती थी, जिसने शौचालय में भू्रण निकाला या फिर एक शिशु को जन्म दिया। लिहाजा वह कसूरवार है। पूनम (परिवर्तित नाम) को फिलहाल पुलिस ने हिरासत में लिया हुआ है। लेकिन गिरफ्तारी नहीं की है।