वी कुमार / मंडी
अकसर आप मोबाईल से पैसा ट्रांसफर करने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन हिमाचल प्रदेश में अब आप पेड़ों पर लगे क्यूआर कोड का इस्तेमाल इनकी संपूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए कर सकेंगे। जी हां, आईआईटी मंडी ने पेड़ों की क्यूआर कोडिंग यानी क्वीक रिस्पांस कोड लगाने का काम शुरू कर दिया है।
संस्थान के बोटेनिकल गार्डन में 186 पेड़ों पर क्यूआर कोड लगा दिए गए हैं। इन सभी पेड़ों की संपूर्ण जानकारी का एक डाटा बैंक तैयार किया गया है, जिसे गूगल के साथ शेयर किया गया है। जैसे ही आप पेड़ पर लगे क्यूआर कोड़ को अपने मोबाईल फोन से स्कैन करेंगे तो इसकी संपूर्ण जानकारी आपके मोबाईल फोन पर आ जाएगी। पेड़ कौन सी प्रजाति का है, इसमें क्या-क्या गुण हैं और इसकी क्या खासियत है। इन सब बातों की जानकारी आपको मोबाईल फोन पर ही मिल जाएगी।
इससे आपको यह लाभ मिलेगा कि किसी विशेषज्ञ का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। आईआईटी मंडी के इस सफल प्रयास के बाद अब हिमाचल प्रदेश का वन विभाग भी इस दिशा में काम करने की सोच रहा है। वन मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर का कहना है कि क्यूआर कोडिंग उन पर्यावरण प्रेमियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, जो प्रकृति के बीच जाकर उसे करीब से जानना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग इस बारे में विचार कर रहा है और जल्द ही इसकी एक रूपरेखा तैयार की जाएगी।
शुरूआती दौर में इसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अपनाने का विचार चल रहा है।