सुभाष कुमार गौतम /घुमारवीं
घुमारवीं उपमंडल के अन्तर्गत पड़ने वाली डंगाार पंचायत के हरित्लयॉगर गांव के इंद्र बेहद साधारण व निहायत ही सीधे- साधे व्यक्ति हैं। कहते हैं कि मेरा घर राष्ट्रीय उच्च मार्ग शिमला धर्मशाला-103 पर स्थित है। जहां कभी ना कभी कोई हादसा होता रहता है। हैरानी की बात है कि किसी की जान बचाने पर पुलिस हमें ही गवाह बना देती है। कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं।
इंद्र बताते है कि दो वर्ष पूर्व एक टैम्पो ट्रैवल रात को हरित्लयॉगर के पास अनियंत्रित होकर नीचे जा गिरा। जिसकी सूचना मिलते ही मै और मेरा साथी मौके पर पहुँच गए। जब देखा तो अंधेरा बहुत था। पुलिस को सूचित किया गया और 108 को बुलाया गया। सभी को स्थानीय लोगों ने निकाल कर घुमारवीं भेजा।
लेकिन रात होने के कारण एक दो साल का बच्चा दूर घास में पड़ा रह गया। पुलिस चली गई थी। मै और मेरा साथी वहां कुछ देर बैठ गए। हुआ यूँ था कि बच्चे पर किसी की नजर ही नहीं पड़ी थी। फिर बच्चे के रोने की आवाज़ सुनाई दी। हम दोनों नीचे उतरे और बच्चे को घर लाकर दूध पिलाया और रात को गाड़ी करके भराडी पुलिस के पास ले गए।
पुलिस ने बच्चे को अपने पास रखा व मां-बाप के पास पहुँचाने की जिम्मेदारी खुद ले ली और मेरे साइन ले लिए। अब उस हादसे की तारीख़ बिलासपुर कोर्ट में पड रही है। जबकि इतना ही नहीं हादसे तो होते रहते हैं। पुलिस हमें मौके का ग्वाह बनाती रहती है। लेकिन दिल को सुकून मिल जाता है कि हमारी वजह से किसी की जान बच गई है।