जोगिंद्रनगर (एमबीएम न्यूज) : अगर ग्रामीणों को डिटर्जेंट व साबुन मिला पानी पीने को मिले तो भला वह कितनी देर बर्दाश्त कर सकते हैं। शहर के साथ लगती मसौली पंचायत के ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हे पिछले दो सालों से न केवल साबुन व डिटर्जेंट मिले पेयजल की ही सप्लाई होती है बल्कि उसमें रेत व तेल की भी बदबू रहती है। युवक मंडल मसौली का एक शिष्टमंडल वीरवार को उपप्रधान छांगा राम व कोषाध्यक्ष विवके शर्मा आदि के साथ जोगिंद्रनगर में सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के सहायक अभियंता से मिला और उनके सामने अपना दुखड़ा एक बार फिर रोया।
कहा गया कि इलाका में मसौली, भट्ठा व पहलून आदि के गांववासी पिछले दो वर्षों से ही स्वच्छ पेयजल के लिए तरस रहे हैं और दूषित पानी की शिकायत भी लगातार विभाग से करते आ रहे हैं मगर किसी भी अधिकारी कर्मचारी के कानों पर जूं नहीं रेंग रही। ऐसे में कितने लोग अंदर ही अंदर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं कहा नहीं जा सकता। लोगों का कहना है कि निर्मल भारत के बाद स्वच्छ भारत अभियान भी चल रहा है मगर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को इसका कोई असर नहीं हो रहा जबकि विभाग स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के दावे करता नहीं थकता। मसौली पंचायत की इस देरीना मांग पर कोई भी हरकत न होने पर अब लोगों ने आंदोलन का मूड बनाना शुरू कर दिया है ताकि विभाग की नींद को तोड़ा जा सके।