एमबीएम न्यूज़/ हमीरपुर
गर्मियों में आगजनी की घटनाओं से लाखों रुपये की वन संपदा जलकर नष्ट हो जाती है। इसी समस्या से निपटने और वन संपदा को बचाने के लिए वन विभाग ने चीड़ की पत्तियों को इकट्ठा करने के लिए जिला के पचास गांवों में यह योजना चलाने का प्लान तैयार किया है। आने वाले दिनों में बड़सर, नादौन व अग्घार वन बीट में चीड़ की पत्तियों को इक्टठा करने का कार्य शुरू किया जाएगा, जिससे वन विभाग के साथ लोगों को फायदा होगा। इसके लिए बड़सर उपमंडल के हडेटा में एक सप्ताह पहले काम शुरू कर दिया गया है।
लोगों द्वारा इकट्ठी की गई चीड़ की पत्तियों को अंबूजा सीमेंट कंपनी खरीदेगी और लोगों को इसके लिए तय राशि भी दी जाएगी। इसके लिए अंबूजा कंपनी ने बड़सर क्षेत्र में दो मशीनें भी उपलब्ध करवा दी हैं। इस मशीन के उपयोग से चीड़ की पत्तियों के ब्लॉक बनाए जाएंगे। जिसे अंबूजा कंपनी इंधन के लिए उपयोग करेगी। इन चीड़ की पत्तियों को ग्रामीण इकट्ठा कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर सकते हैं।
अभी हाल ही में एक सप्ताह पहले ही चीड़ की पत्तियों को इकट्ठा करने का कार्य शुरू किया गया है। इसके लिए ग्रामीणों को एक किलो चीड़ की पत्तियों के बदले में एक रुपये 70 पैसे दिए जाएंगे। इस तहर चीड़ की पत्तियों का उचित उपयोग किया जा सकेगा और वनों को आग से भी बचाया जा सकेगा।
आधुनिक तकनीक से इन चीड़ की पत्तियों के ब्लॉक बनाए जाएंगे। उसे कंपनी इंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए अपनी यूनिट में ले जाएगी। इस योजना को लेकर जिला वन अधिकारी प्रीति भंडारी ने भी निरीक्षण किया और इसकी जानकारी ली।
उधर, डीएफओ प्रीति भंडारी ने बताया कि जंगलों को आग से बचाने के लिए चीड़ की पत्तियों का उपयोग किया जाए इसके लिए यह ग्रामीणों के लिए योजना शुरू की है। प्रति किलो के हिसाब से अंबूजा कंपनी एक रुपये 70 पैसे अदा करेगी। अभी तक इस का डाटा नहीं आया है, लेकिन 15 दिन बाद इसका डाटा भेजने को कहा गया है। अंबूजा कंपनी ने दो बेोलग मशीने भी उपलब्ध करवा दी है जहां पर ग्रामीण द्वारा इक्टठा की पत्तियों के ब्लॉक बनाए जाएंगे।