अभिषेक मिश्रा / बिलासपुर
बरमाणा सीमेंट कारखाने में सीमेंट ढुलाई का कार्य कर रही एशिया की सबसे बड़ी परिवहन सहकारी सभा बीडीटीएस का गतिरोध वीरवार को खत्म हो गया है। वीरवार को एसीसी प्रबंधन और बीडीटीएस की 21 सदस्य कार्यकारिणी की बड़ी देर तक बैठक चलने के उपरांत 6 % पर फैसला हुआ।
एशिया की सबसे बड़ी परिवहन सभा बरमाणा ट्रक ऑपरेटर व भूतपूर्व सैनिक यूनियन बरमाणा के सदस्यों द्वारा अपनी मांग और समस्याओं को लेकर दसवें दिन एसीसी फैक्ट्री से ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल पर विराम लगा और शुक्रवार से सीमेंट व क्लिंकर के लिए गाडिय़ों की डिमांड शुरू होने पर सहमति हुई। गौर रहे कि ट्रक ऑपरेटरों ने पुकार हाल में सामूहिक फैसला लिया था, जब तक एसीसी प्रबंधन मांगों को पूरा नहीं करता है, तब तक ऑपरेटरों का एसीसी प्रबंधन के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।
सभा के प्रधान रमेश ठाकुर ने बताया की वीरवार को एसीसी प्रबंधन के व्रत हुई जिसमे एसीसी ने सभी मांगे मान ली। जिसके लिए सभा प्रधान रमेश ठाकुर महासचिव कुलदीप गौतम की अध्यक्षता में सभा कार्यकारिणी के 21 सदस्यों कीएसीसी के साथ बड़ी देर तक बैठक चली। जिसमें सभी सदस्यों ने वर्ष 2016 के पूर्व किराए की बहाली के लिए एकमत सहमति जताई थी इस संदर्भ में वर्ष 2016 के 6% अनुपात के अनुसार किराए की बहाली पर सहमति बनी।
इस शर्त में 6 % का 5 % आज से ही लागु हो जाएगा और 1% वार्षिक आगामी अप्रैल से मिलना शुरू हो जाएगा। प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा जो हमने खोया वो हमने पा लिया हैं और ये सभी ऑपरेटरों की जीत है। ट्रक ऑपरेटर के वर्ष 2016 में सब्सिडी का रोना रोकर एसीसी फैक्ट्री द्वारा एग्रीमेंट होने के बावजूद घटाए गए माल भाड़ा किराए को वापस बहाल करने के लिए एशिया की सबसे बड़ी ट्रक यूनियन सभा बरमाणा के प्रधान रमेश ठाकुर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगे शांतिपूर्वक ढंग से रैली निकालकर 9 दिन भी सभी ट्रक सदस्यों ने अपना संघर्ष जारी रखा था, जो आज पूरा हो गया।
इस गतिरोध के चलते करोड़ों रुपए का नुकसान ट्रक ऑपरेटर के साथ इस व्यवसाय से जुड़े हुए कारोबारियों का हो रहा था। लाखों रुपए का प्रतिदिन कारोबार करने वाली एसीसी फैक्ट्री का पहिया भी रुक गया था। जिस कारण लाखों रुपए की आर्थिक हानि ऑपरेटरों के साथ-साथ सरकारी खजाने को भी हो रही थी। बीडीटीएस सोसाइटी व भूतपूर्व सैनिक ट्रक यूनियन के तकरीबन 5500 ट्रकों का पहिया जो जाम हो चुका था वो चलना शुरू हो गया है।