उमेश ललित/ धर्मपुर(मंडी)
जिला में एक पंचायत ऐसी भी है जिसके पास करोड़ों की जमीन मौजूद है लेकिन आमदन केवल पंद्रह सौ रुपए सालाना है। दो दशक बीत जाने के बावजूद अपने संसाधनों का उचित दोहन न करने से इसकी आय बिल्कुल जीरो है।पूरे प्रदेश में शायद यह पहला मामला है कि इस पंचायत के पास पचपन हजार वर्ग मीटर मलकियत भूमि होने पर भी आमदन महज पंद्रह सौ रुपए सालाना है। हर साल इस बेशकीमती रकबे को एक परिवार के हवाले कर दिया जाता है और यह खेल पिछले दो दशक से अनवरत जारी है।
वर्ष 2000 में इस रकबे में उगने वाले घास की नीलामी छह हजार रुपए तक होती थी। 2010-11 में 4100 रुपए, वर्ष 2013-14 1800 रुपए, वर्ष 2015-16 में 1700 रुपए, 2017 में 1600 रुपए और वर्ष 2018 में 1550 रुपए जो पंचायत की मिलीभगत को दर्शाता है।
मजेदार बात यह है कि इस जमीन से प्रतिवर्ष हजारों रुपए की लकड़ी बेची जाती है जिसका कोई हिसाब किताब नहीं। इमारती लकड़ी के दर्जनों पेड़ काटे जा चुके हैं। विकास खंड धर्मपुर के तहत आने वाली सरसकान पंचायत अपने संसाधनों से आय जुटाने में नाकाम रही है। काबिले जिक्र है कि इस पंचायत के पास पचपन हजार वर्ग मीटर से भी ज्यादा का एक भू खंड है।
बताते चलें बाईस बीघा जमीन होने के बावजूद यह पंचायत गौसदन के लिए हामी नहीं भर सकी। इसके अलावा इस रकबे की निशानदेही न होने के कारण इस पर अवैध कब्जे भी किए जा चुके हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने इस बगीचे के रूप में विकसित किया था और कलमी आम, नींबू,पलम, आड़ू और नाशपाती के पौधे लगाए थे। यह पेड़ वयस्क हैं और प्रतिवर्ष कई क्विंटल फल देते हैं। यह फल किसके घर पहुंचते हैं यह पहेली बनी हुई है। हजारों रुपए के शीशम के पेड़ काटे जा चुके हैं और पंचायत अपनी जिम्मेदारी से बच रही है जबकि यह तीन हजार लोगों की सामूहिक संपत्ति है जिसकी सरंक्षक सरसकान पंचायत है।
स्थानीय लोगों का आग्रह है कि विभाग इस संदर्भ में उच्च स्तरीय समिति गठित कर जांच शुरू करे। इस बारे में पंचायत प्रधान का कहना है कि निशानदेही के लिए राजस्व विभाग को लिखा गया है। पेड़ कटने पर उन्होंने दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही। यह हैरानी का विषय है कि सरसकान पंचायत के पास करोड़ों रुपए की मलकियत भूमि मौजूद है और उसका दोहन सफलतापूर्वक नहीं किया जा रहा।
सरकार के आदेशानुसार यहां एक बड़े गौसदन की स्थापना कर हजारों का लाभ कमाया जा सकता है। प्रत्येक वर्ष आमदन घटने और पेड़ काटने की जांच की जाएगी। जो भी दोषी पाए गए उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।